रामरक्षा प्रवचन-२६ | सहस्रमुख-शेष, अध्यात्म, शरीरशास्त्र और भक्ति का अटूट नाता

रामरक्षा प्रवचन-२६ | सहस्रमुख-शेष, अध्यात्म, शरीरशास्त्र और भक्ति का अटूट नाता

 

रामरक्षा-कवच की ‘मुखं सौमित्रिवत्सल:’ पंक्ति के विभिन्न पहलुओं को हमारे सामने उजागर करते समय, ‘जीभ’ इस मुख के अहम घटक पर विवेचन करने के बाद सद्गुरु अनिरुद्ध बापू हमारे समक्ष इस पंक्ति का अगला प्रवास शुरू कर रहे हैं। दिनांक १९ मई २००५ को किये रामरक्षा पर आधारित इस प्रवचन में , सद्गुरु बापू ‘मुखं सौमित्रिवत्सल:’ इस पंक्ति के ‘मुख’ शब्द के एक और अहम पहलू पर बात कर रहे हैं। 

 

अध्यात्म में हम मुख से संबंधित शब्द सुनते हैं - ‘सहस्रमुख’, ‘अनंतमुख’। इस शब्द का इस्तेमाल प्राय: शेषनाग के संदर्भ में किया जाता है - ‘अनंत मुखों के शेष’! ये शेष अपने अनंत मुखों से निरंतर‘विष्णुसहस्रनाम गाते रहते हैं। यह बात हमारे शरीर से कैसे संबंधित है, यह बताते समय सद्गुरु बापू यहा इस रहस्य का उद्घाटन करते हैं कि इन अनंत मुखों के जैसी ही एक महत्त्वपूर्ण विशेष रचना भगवान ने हमारे शरीर में भी कैसे बना रखी है। यह रचना कौनसी है और कैसे कार्य करती है? साथ ही, ये ‘सौमित्र’ लक्ष्मणजी यानी ‘तेन त्यक्तेन भुञ्जीथा:’ तत्त्व का जीताजागता उदाहरण हैं! हमारे शरीर में रहनेवाली यह विशेष रचना इस तत्त्व के अनुसार ही कैसे कार्य करती है, यह सद्गुरु अनिरुद्धजी हमें यहाँ समझाकर बताते हैं और यह बताते हुए वे यह भी दृढ़तापूर्वक कहते हैं कि बुधकौशिक ऋषि ये महान ऋषि तो हैं ही, साथ में, वे बहुत ही श्रेष्ठ ऐसे शरीरशास्त्रज्ञ (Anatomist) भी कैसे हैं।

 

यह अध्ययन करने के बाद इस ‘मुखं सौमित्रिवत्सल:’ पंक्ति की पहुँच धीरे धीरे हमारी समझ में आने लगेगी और - ‘हे सौमित्रिवत्सल राम, आप मेरे मुख की रक्षा कीजिए’ यह प्रार्थना अखिल ब्रह्मांड के लिए पर्याप्त बनने जितनी महान कैसे है इसका अंदाज़ा होने लगेगा, ऐसा सद्गुरु बापू आगे कहते हैं। यह प्रार्थना हमारे के लिए महत्त्वपूर्ण क्यों है, तो वह हमें संकट में धकेलनेचाली किसी भी अनुचितता से हमारे रक्षा करती है इसलिए; लेकिन उसके लिए मर्यादायुक्त भक्ति का पालन ही कैसे आवश्यक है, यह विभिन्न उदाहरणों सहित समझाकर बताते हैं। आगे इस अनुषंग से वे इस रहस्य को भी उद्घटित करते हैं कि अध्यात्म यानी निश्चित रूप से क्या है।

 

‘मुखं सौमित्रिवत्सल:’ का सुंदर प्रवास अगले भाग में भी ऐसे ही जारी रहनेवाला है....