Sadguru Aniruddha Bapu

Category - Pravachans of Bapu

रामरक्षा प्रवचन-१६ | रक्षा कवच का रहस्य - शिरो मे राघव: पातु | Aniruddha Bapu | Ram Raksha Pravachan

रामरक्षा प्रवचन-१६ | रक्षा कवच का रहस्य - शिरो मे राघव: पातु | Aniruddha Bapu | Ram Raksha Pravachan

सद्गुरु अनिरुद्ध बापूजी रक्षा कवच का एक बहुत बड़ा रहस्य उजागर करते हैं कि यह रक्षा कवच बोलते समय हमारी मनोभूमिका कैसी होनी चाहिए, जिससे हमें सर्वाधिक फ़ायदा होगा | साथ में भगवान श्रीराम और उसके विशेषणों का आध्यात्मिक अर्थ भी समझाते हैं |

रामरक्षा प्रवचन-१५ | अध्यात्म में ‘१ से ९९’ से भी ‘९९ से १००’ के बीच अधिक दूरी

रामरक्षा प्रवचन-१५ | अध्यात्म में ‘१ से ९९’ से भी ‘९९ से १००’ के बीच अधिक दूरी

अध्यात्म में ‘१ से ९९ के बीच जितना फ़ासला है, उससे बहुत ज़्यादा फ़ासला ९९ से १०० के बीच है’ इस महत्त्वपूर्ण सत्य का एहसास करा देते समय सद्गुरु अनिरुद्धजी - विश्वामित्र ऋषि, दुर्वास मुनि और शतानिक मुनि (अश्वत्थामा)  इन बहुत ही उच्चपद को प्राप्त हुए ऋषियों के उदाहरण देते हैं।

रामरक्षा प्रवचन-१४| श्रीराम समेत जानकीमाता तथा लक्ष्मणजी का एकत्रित ध्यान भी आवश्यक

रामरक्षा प्रवचन-१४| श्रीराम समेत जानकीमाता तथा लक्ष्मणजी का एकत्रित ध्यान भी आवश्यक

सद्गुरु अनिरुद्ध बापू श्रीराम समेत ही जानकीमाता एवं लक्ष्मणजी का एकत्रित ध्यान करने की आवश्यकता को भी रामरक्षा पर आधारित इस प्रवचन में समझाते हैं।

सत्यनारायण व शनि पूजनासंबंधीच्या गैरसमजुतीचं निरसन

सत्यनारायण व शनि पूजनासंबंधीच्या गैरसमजुतीचं निरसन

सद्गुरु श्रीअनिरुद्ध बापू यांनी सामान्य श्रद्धावानांच्या मनात सत्यनारायण व शनि पूजनासंबंधीच्या गैरसमजुतीचे निरसन केले.

रामरक्षा प्रवचन-१३ | श्रीराम का संपूर्ण चरित्र यानी ‘मानव कैसे आचरण करें’ इसका आदर्श

रामरक्षा प्रवचन-१३ | श्रीराम का संपूर्ण चरित्र यानी ‘मानव कैसे आचरण करें’ इसका आदर्श

हमारे व्यक्तिगत एवं सामाजिक स्तर पर भी भगवान का कार्य कैसे चलता है, यह स्पष्ट करते समय, श्रीराम का संपूर्ण चरित्र यानी ‘मानव कैसे आचरण करें’ इसका आदर्श है यह सद्गुरू अनिरुद्ध बापू बताते हैं |

Latest Post