संकल्पसुपारी
श्रीगणेशजी के दर्शन करते समय कामनापूर्ति के लिए अथवा रुकावटें दूर हों इसलिए भक्तिमय संकल्प करते हैं यानी यहाँ के गणेशजी से मन्नत मानते हैं और उस संकल्प के प्रतीक के रूप में यहाँ के गणपति के सामने संकल्पसुपारी रखते हैं।
श्रीगणेशजी के दर्शन करते समय कामनापूर्ति के लिए अथवा रुकावटें दूर हों इसलिए भक्तिमय संकल्प करते हैं यानी यहाँ के गणेशजी से मन्नत मानते हैं और उस संकल्प के प्रतीक के रूप में यहाँ के गणपति के सामने संकल्पसुपारी रखते हैं।
परमपूज्य सद्गुरु श्रीअनिरुद्ध बापू ने 4 सितंबर 2012 को, अधिक भाद्रपद मास की अंगारक संकष्ट चतुर्थी के दिन श्रीमूलार्क-गणेश की स्थापना श्रीअनिरुध्द गुरुक्षेत्रम् में की।
श्रीगणेशाचे दर्शन घेताना कामनापूर्तीसाठी किंवा अडचणी सुटाव्या म्हणून भक्तिमय संकल्प करतात म्हणजेच येथील गणपतीस नवस करतात आणि त्या संकल्पाचे प्रतीक म्हणून येथील गणपतीसमोर संकल्पसुपारी ठेवतात.
परमपूज्य सद्गुरु श्रीअनिरुद्ध बापूंनी 4 सप्टेंबर 2012 रोजी अधिक भाद्रपद मासातील अंगारक संकष्ट चतुर्थीस श्री मूलार्कगणेशाची श्रीअनिरुध्द गुरुक्षेत्रम्येथे स्थापना केली.
आषाढी एकादशी म्हटल्यावर आपल्या डोळ्यांसमोर येतो, तो पंढरपुरचा विठ्ठल, पंढरीची वारी करणारे वारकरी