Sadguru Aniruddha Bapu

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रामरक्षा प्रवचन २९ | भक्ति, प्रेम तथा समर्पण का मनोहारी संगम यानी श्रीरामभक्त भरत

रामरक्षा प्रवचन २९ | भक्ति, प्रेम तथा समर्पण का मनोहारी संगम यानी श्रीरामभक्त भरत

सद्गुरु अनिरुद्ध बापू यहाँ भरत जी ने किये हुए इस विश्व के पहले पादुकापूजन के सर्वोच्च महत्त्व को विशद करते हैं | वास्तविकता का भान कभी भी न छोड़नेवाले भरत जी ये अनुकरण के हिसाब से हमारी ‘पहुँच में आ सकनेवाले’ हैं |

रामरक्षा प्रवचन २८ | सत्त्वगुण बढ़ानेवाली रामकृपा - सुखी जीवन की मास्टर-की

रामरक्षा प्रवचन २८ | सत्त्वगुण बढ़ानेवाली रामकृपा - सुखी जीवन की मास्टर-की

सद्गुरु अनिरुद्ध बापू - अध्यात्म यह कोई कमज़ोरी नहीं है। असली अध्यात्म क्या है, वह प्रभु श्रीराम ने अपने आचरण द्वारा दिखा ही दिया है। ऐसा असली अध्यात्म केवल सत्त्वगुण की वृद्धि से ही संभव है और सत्त्वगुण की वृद्धि करने में जिव्हा (जीभ) कैसे महत्त्वपूर्ण योगदान देती है |

रामरक्षा प्रवचन -२७ | लक्ष्मणजी के प्रेम से खिलनेवाला रामधर्म का सौम्य प्रकाश

रामरक्षा प्रवचन -२७ | लक्ष्मणजी के प्रेम से खिलनेवाला रामधर्म का सौम्य प्रकाश

सद्गुरु बापू हमें बिलकुल आसान शब्दों में समझाकर बताते हैं - धर्म यानी वास्तविक रूप से क्या है? हमारा मूल धर्म कौनसा है? ‘धर्म और भगवान के बीच निश्चित रूप से क्या नाता है?

रामरक्षा प्रवचन-२६ | सहस्रमुख-शेष, अध्यात्म, शरीरशास्त्र और भक्ति का अटूट नाता

रामरक्षा प्रवचन-२६ | सहस्रमुख-शेष, अध्यात्म, शरीरशास्त्र और भक्ति का अटूट नाता

‘हे सौमित्रिवत्सल राम, आप मेरे मुख की रक्षा कीजिए’ - यह प्रार्थना हमारे के लिए महत्त्वपूर्ण क्यों है, तो वह हमें संकट में धकेलनेचाली किसी भी अनुचितता से हमारे रक्षा करती है इसलिए; लेकिन उसके लिए मर्यादायुक्त भक्ति का पालन ही कैसे आवश्यक है, यह विभिन्न उदाहरणों सहित सद्गुरु अनिरुद्ध बापू समझाकर बताते हैं

अनिरुद्ध पौर्णिमा-२०२५ व "श्रीकृपाचैतन्य पादुकां"संदर्भात महत्त्वाची सूचना

अनिरुद्ध पौर्णिमा-२०२५ व "श्रीकृपाचैतन्य पादुकां"संदर्भात महत्त्वाची सूचना

Aniruddha Paurnima Utsav 2025 will be celebrated on 8th November at Shree Harigurugram, where Shraddhavans will have the sacred Darshan of the Shree Krupachaitanya Padukas.

रामरक्षा-२५ | भक्ति एवं बुद्धि का संबंध; मुख एवं जीभ का भक्तिमार्ग में महत्त्व

रामरक्षा-२५ | भक्ति एवं बुद्धि का संबंध; मुख एवं जीभ का भक्तिमार्ग में महत्त्व

सद्गुरु अनिरुद्ध बापू - रामरक्षा के इस प्रवचन में बताते हैं की भक्ति एवं बुद्धि का संबंध क्या है? और मुख एवं जीभ का भक्तिमार्ग में महत्त्व क्या है?

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