‘मैं हूँ’ यह त्रिविक्रम का मूल नाम है - भाग २ (‘ I Am ’ Is Trivikram's Original Name - Part 2) मानव को स्वयं के बारे में कभी भी नकारात्मक रूप में नहीं सोचना चाहिए। भगवान से कुछ मांगते समय भी सकात्मक सोच ही होनी चाहिए। ‘भगवान आप मेरे पिता हो और मैं आपका पुत्र हूं। आप ऐश्वर्यसंपन्न हो, ऐश्वर्यदाता हो इसलिए मेरे पास भी ऐश्वर्य है, आप उसे बढाइए।’ इस तरह सकारात्मक सोच से भगवान से मांगना चाहिए। ‘मैं हूँ’ (I Am) यह त्रिविक्रम का मूल नाम है, इसी नाम को अंबज्ञ कहते हैं, इस बारे में परमपूज्य सद्गुरू श्री अनिरुद्ध बापूनें अपने ०१ जनवरी २०१५ के प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं l
॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥