गणपतिजी का प्रिय विलक्षण मोदक
सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू कहते हैं – बिना किसी लाभ की इच्छा वाला प्रेम ही असली मोदक है, जो श्रीगणेश और शिव दोनों को प्रसन्न करता है; यह भक्ति में मिलने वाले सच्चे आनंद का संदेश है।
सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू कहते हैं – बिना किसी लाभ की इच्छा वाला प्रेम ही असली मोदक है, जो श्रीगणेश और शिव दोनों को प्रसन्न करता है; यह भक्ति में मिलने वाले सच्चे आनंद का संदेश है।
The slaying of Andhakasur as narrated by Sadguru Aniruddha Bapu – the significance of devotion, wisdom, and discipline.
सद्गुरु अनिरुद्ध बापू द्वारा बताए गए अंधकासुर वध – भक्ति, विवेक और मर्यादा का महत्व।
In the Indian kirtan tradition, the story of Shree Mahaganapati’s ‘Andhakasur Aakhyaan’ – a wonderful tale of devotion, motherly love, and divine valor
भारतीय कीर्तनपरंपरेतील श्रीमहागणपतीच्या ‘अंध:कासुर आख्यानाची कथा – भक्ती, मातृप्रेम आणि दैवी साहसाची अद्भुत कहाणी