प्रतिदिन कम से कम दस मिनट तक शान्ति से बैठिए (Sit Quite At Least For 10 Minutes A Day) भगवान का मूल रूप निर्गुण निराकार है। सुसन्तुलितता, शान्ति, अचलता यह वह रूप है। सन्तुलितता निर्माण करना मानव के लिए संभव नहीं होता, लेकिन शान्ति से, अचल स्थिति में तो यकीनन ही बैठ सकते हैं। कम से कम दस मिनट हर रोज शान्ति से बैठे रहने से आदिमाता चण्डिका और चण्डिकापुत्र त्रिविक्रम की कृपा का स्वीकार मानव सहजता से कर सकता है और इससे वह अपना विकास कर सकता है। प्रतिदिन कम से कम दस मिनट तक शान्ति से बैठना आवश्यक है, इसके बारे में परमपूज्य सद्गुरू श्री अनिरुद्ध बापूनें अपने २५ दिसंबर २०१४ के प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं l
॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥