श्रीअनिरुध्द गुरुक्षेत्रम् सेवा Shree Aniruddha Gurukshetram Seva
रूद्रसेवा |
रूद्रसेवा |
हर सोमवार को होनेवाले इस रूद्र में ११ भक्त शामिल हो सकते हैं | केवल सावन मास में हर सोमवार को १६ श्रद्धावानों के लिए अभिषेक एवं पूजा का प्रबंध किया गया है |
इस सेवा के लिए श्रद्धावान का शाम के ५.३० बजे श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम में हाज़िर रहना ज़रूरी है |
इसके साथ ही श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम में श्रद्धावान निम्नलिखित सेवाओं में भी शामिल हो सकते हैं |
१) पुष्प सेवा:
सेवा का स्वरूप: इस सेवा में शामिल होनेवाले श्रद्धावान की ओर से सेवा के दिन श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम में सभी देवताओं को हार और पुष्प अर्पण किये जाते हैं | साथ ही साथ वह श्रद्धावान श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम में "श्रीत्रिविक्रम" को अपने हाथों से हार अर्पण कर सकता है |
सेवा के दिन श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम की ओर से उस श्रद्धावान को श्रीफल (नारियल) प्रसाद स्वरूप दिया जाता है | सेवा के दूसरे दिन श्रद्धावान उसकी तरफ से अर्पण किये हुए सभी पुष्प एवं हार प्रसादस्वरूप घर ले जा सकता है | इस सेवा के लिए श्रद्धावान का सुबह ११.३० बजे श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम में हाज़िर रहना ज़रूरी है |
२) आरती सेवा (शाम की):
सेवा का स्वरूप: इस सेवा में भाग लेनेवाले श्रद्धावान को श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम में शाम को गर्भगृह में देवताओं की तथा श्रीत्रिविक्रम की आरती उतारने का अवसर मिलता हैं | आरती निम्न क्रम से होती है |
क) साईनाथजी की आरती "आरती साईबाबा.."
ख) सदगुरू बापूजी की आरती "आरती अनिरुद्धा.."
ग) सदगुरू बापूजी की आरती "ॐ जय अनिरुद्ध प्रभो.."
ख) सदगुरू बापूजी की आरती "आरती अनिरुद्धा.."
ग) सदगुरू बापूजी की आरती "ॐ जय अनिरुद्ध प्रभो.."
इस आरती के लिए श्रद्धावानों को श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम द्वारा आरती की थाली दी जाती है और वे अपने हाथों से देवताओं की आरती उतर सकते हैं |इस सेवा के लिए श्रद्धावान का शाम के ७.३० बजे श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम में हाजिर रहना ज़रूरी है |
३) श्रीदत्तकैवल्य याग सेवा:
श्रीदत्तकैवल्य याग |
इस सेवा के लिए एकसाथ कुल १० श्रद्धावान शामिल हो सकते हैं | इस सेवा के लिए श्रद्धावान का शाम के ५.३० बजे श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम में हाजिर रहना जरुरी है |
४) दीपमाला सेवा:
सेवा का स्वरूप: इस सेवा में भाग लेनेवाले श्रद्धावान सूर्यास्त के पश्चात श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम में पहले दीप प्रज्वलित करते हैं, तत्पश्चात वे दीप श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम स्थित दीपमाला पर सजाते हैं |इस सेवा के लिए श्रद्धावान का शाम के ६.३० बजे श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम में हाज़िर रहना ज़रूरी है |
५) श्रीचण्डिका हवन:
श्रीचण्डिका हवन |
इस सेवा के लिए एकसाथ कुल ४ श्रद्धावान शामिल हो सकते हैं |इस सेवा के लिए श्रद्धावान का सुबह के ८.०० बजे श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम में हाजिर रहना जरुरी है |
उपरोक्त सभी सेवाओं के लिए श्रद्धावान श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम में सुबह के ८.३० बजे से शाम के ८.०० बजे तक अग्रिम/अडवांस बुकिंग करा सकते हैं |
हरि ॐ