'करुणात्रिपदी' की महिमा तथा आज के दौर में उसके पठन की आवश्यकता

'करुणात्रिपदी' की महिमा तथा आज के  दौर में  उसके पठन की आवश्यकता

मराठी 

आज सर्वत्र वैश्विक स्तर पर तथा व्यक्तिगत स्तर पर अत्यधिक अस्थिरता महसूस की जा रही है। कुछ दिन पहले हमने बांग्लादेश और श्रीलंका में अराजकता फैलते देखी थी। वही स्थिति आज नेपाल में भी देखी जा रही है। 

 

इज़राइल और ईरान के संघर्ष का परिणाम हमने देखा है और आज भी गाज़ा पट्टी में इज़राइल और हमास के बीच संघर्ष जारी है। भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया, यह भी हमने अनुभव किया। हाल ही में फ्रांस की सरकार गिर गई। जापान के प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा। थाईलैंड और कंबोडिया में युद्ध जैसी परिस्थितियों के कारण थाईलैंड के प्रधानमंत्री को पदच्युत किया गया। साथ ही, हाल ही में अमरीका के राष्ट्रपति के समर्थक चार्ली कर्क की अकस्मात हत्या की खबर भी हमने सुनी।

 

अर्थात् वैश्विक और व्यक्तिगत स्तर पर फैली हुई अत्यधिक अस्थिरता और अशांति का वर्तमान समय में हम सभी अनुभव कर रहे हैं। इसलिए इस वर्तमान व आने वाले समय में व्यक्तिगत और देश की स्थिरता एवं शांति के लिए सद्गुरु श्री अनिरुद्ध ने सभी श्रद्धावानों को ‘श्रीवासुदेवानंद सरस्वती’ लिखित ‘करुणात्रिपदी’ सुनने और पढ़ने के लिए कहा है। इस दौर में करुणात्रिपदी को सुनना और पढ़ना अत्यधिक पुण्यदायी साबित होगा। जैसे ‘हनुमानचलीसा’ हिंदी में और ‘दत्तबावनी’ गुजराती में सर्वत्र कही जाती है, उसी प्रकार यह ‘करुणात्रिपदी’ मराठी में ही कहना आवश्यक है, ऐसा सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बताते हैं।

 

 यूट्यूब में उपलब्ध वीडियो में इस करुणात्रिपदी का ट्रांसक्रिप्शन विभिन्न भाषाओं में पहले से ही दिया गया है। साथ ही, मेरे ब्लॉग पर भी करुणात्रिपदी का ट्रांसक्रिप्शन (Lyrics) और अर्थ भी उपलब्ध है।

 

 इस पोस्ट के साथ मैं सद्गुरु श्री अनिरुद्ध द्वारा, पितृवचन में करुणात्रिपदी पर किए गए विवेचन के महत्त्वपूर्ण अंश की वीडियो क्लिप भी जोड़ रहा हूँ।

श्रीदत्त करुणात्रिपदी