Sadguru Aniruddha Bapu

Category - Ganesh Bhakti from the perspective of Sadguru Aniruddha Bapu



अत्रि ऋषि की दिव्य लीला और स्वयंभू मूलार्कगणेश की प्रकटन कथा| निरीक्षणशक्ति का महत्त्व

अत्रि ऋषि की दिव्य लीला और स्वयंभू मूलार्कगणेश की प्रकटन कथा| निरीक्षणशक्ति का महत्त्व

सद्गुरु श्रीअनिरुद्ध बापू के तुलसीपत्र अग्रलेखों पर आधारित अत्रि ऋषि की लीला, मूलार्क गणेश की प्रकट कथा और मानव के जीवन में निरीक्षण शक्ति।

आद्यब्रह्मणस्पति सूक्त का अर्थात्‌‍ ऋग्वेद के प्रथम मंडल के १८वें सूक्त का विवरण

आद्यब्रह्मणस्पति सूक्त का अर्थात्‌‍ ऋग्वेद के प्रथम मंडल के १८वें सूक्त का विवरण

ऋग्वेद के आद्यब्रह्मणस्पति सूक्त का सरल विवरण – सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू के लेख से।

गणपतिजी का प्रिय विलक्षण मोदक

गणपतिजी का प्रिय विलक्षण मोदक

सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू कहते हैं – बिना किसी लाभ की इच्छा वाला प्रेम ही असली मोदक है, जो श्रीगणेश और शिव दोनों को प्रसन्न करता है; यह भक्ति में मिलने वाले सच्चे आनंद का संदेश है।

सूर्यकोटिसमप्रभ - २

सूर्यकोटिसमप्रभ - २

सद्गुरु अनिरुद्ध बापू द्वारा बताए गए अंधकासुर वध – भक्ति, विवेक और मर्यादा का महत्व।

  विज्ञानमय कोश का मस्तक

विज्ञानमय कोश का मस्तक

श्रीमहागणपति की जन्मकथा से विज्ञानमय कोश का मस्तक और भौतिक विज्ञान, पवित्रता तथा दिव्य मार्गदर्शन का संतुलन स्पष्ट करने वाला सद्गुरु श्रीअनिरुद्ध बापू का अग्रलेख।

गजवदन

गजवदन

गजवदन की कथा से ॐकार और पवित्रता का महत्व समझाते सद्गुरु श्रीअनिरुद्ध बापू

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