वेबसाईट शुरु करने की प्रक्रिया - भाग २
२. डोमेन (Domain)
हर एक प्रांत की अलग पहचान कायम रखने के लिए, उस प्रदेश अथवा स्थान को एक नाम दिया जाता है। मतलब वह नाम उस जगह की पहचान बन जाता है। उस नाम से उसी स्थान की साधारण कल्पना सामान्य मानव कर सकता है। उसीप्रकार से विविध प्रकार के वेबसाईट की पहचान होने के लिए उनका विभाजन किया गया है। उन्हें विशेष प्रकार से नाम दिये गये है। हम उसे डोमेन कह सकते है। इसें आसानी से समझने के लिए, हम कुछ उदाहरण देखते है।
.com - कमर्शियल बिझनेस - अगर किसी व्यापार अथवा कंपनी की वेबसाईट हो तो उसके लिए इस डोमेन का उपयोग होता है। .gov - गव्हर्मेंट एजन्सीज् - सरकारी संस्थाओं के अधिकृत वेबसाईट के लिए यह डोमेन तय किया है। .edu - एज्युकेशनल इन्स्टिट्युट - इस डोमेन के अंतर्गत शैक्षणिक संस्थासंबंधी अधिकृत वेबसाईट्स आते है। .org - ऑर्गनायझेशन्स (नॉन प्रॉफिट) - विनानफा तत्व पर आधारित संस्थाओं के वेबसाईट्स इस डोमेन के अंतर्गत आते है। .mil - मिलिटरी ऑर्गनायझेशन्स - अधिकृत लष्करी वेबसाईट्स के लिए यह डोमेन है। .net - नेटवर्क प्रोव्हायडर्स - नेटवर्क सेवा देनेवालों के लिए यह डोमेन है। .in - भारतीय कंपनियों के लिए इस डोमेन का उपयोग किया जाता है।
यह कुछ कॉमन डोमेन्स है। वेब होस्टिंग कंपनीसे हमें यह डोमेन प्राप्त हो सकते है। कुछ वेब होस्टिंग कंपनियाँ होस्टिंग और डोमेन दोनों सेवाएँ प्रदान करती है। तथापि कुछ कंपनियाँ दोनों सुविधाएँ मुफ्त उपलब्ध कराती है तो कुछ इस के लिए शुल्क लेती है। हमें यह सुविधाएँ शुल्क देकर लेनी है या मुफ्त यह निर्णय हम पर निर्भर करता है। इसीके अनुसार हम अपनी जरूरत के अनुसार जो चाहे वह कंपनी चुन सकते है।
३. युआरएल (url)
यदि आसान भाषा में बोलना हो तो इसे वेबसाईट का संपूर्ण पता कह सकते है। युआरएल (युनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर) पर क्लिक करने पर संबंधित वेबसाईट लोड होती है। अगर आपको किसी व्यक्ति को घर बुलाना हो, तो मेरा घर इस इलाके में है, सिर्फ यह कहना काफी नही होता। उसे पूरा पता देना जरूरी है। तभी वह व्यक्ति हमारे घर आसानी से पहुच पायेगा। जो काम पूरा पता करता है, वही काम युआरएल करता है।
यहा http://www.maharashtra-tourism.com/ यह पूरा युआरएल है। इसमें .com यह डोमेन है और maharashtra-tourism.com यह डोमेन नेम है।
हम बहुत ही सरल एवं आसान तरीके से वेबसाईट के बारे में अधिक जानेंगे। पर होता यूँ है कि सिर्फ जानकारी लेने से काम आसान नही होता। जब तक हम खुद प्रॅक्टिकली वह चीज करते नहीं है तब तक हमारा आत्मविश्वास दृढ नहीं होता। जैसे की अगर हम पहली बार कोई रेसिपी बना रहे है, तो हम हजार बार अपनी माँ से पूछेंगे, फिर पुस्तक में भी देखेंगे या अन्य रिसोर्सेस का इस्तमाल करेंगे। लेकीन जब हम वही रेसिपी एक बार कर ले, तो हमे कॉन्फिडन्स आ जाता है। तथापि हम भी अब वेबसाईट बनाने का प्रॅक्टिकल शुरू करते है।
इस लिए हम एक कॉमन विषय चुनेंगे। सैर तथा पिकनिक पर जाना किसे पसंद नहीं होता। रुटीन से थोडा समय निकाल के हम में से हर एक कभीं फॅमिली के साथ या फ्रेंड्स के साथ ट्रिप के लिए जाते है........और इन ट्रिप या टूर्स की जानकारी हम सब के साथ शेअर करना चाहते है। वो भी फोटोज् एवं व्हिडिओज् सहित। फिर ऐसे समय में हम अपनी पर्सनल वेबसाईट बना सकते है। वह भीं घर में बैठकर और बहुत आसान तरीके से कर सकते है। इस के लिए तो सिर्फ एक कॉम्प्युटर एवं इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत है। बस! तो अब हम शुरुआत करेंगे हमारे वेबसाईट की.........
ई-मेल अकाऊंट
वेबसाईट के लिए पहले एक ई-मेल अकाऊंट ओपन करना आवश्यक है। हम अपने पर्सनल ई-मेल अकाऊंट का भी वेबसाईट के लिए उपयोग कर सकते है या फिर एक नया अकाऊंट ओपन कर सकते है। यहां हमने चुने गए विषय के नाम से ही एक नया ई-मेल अकाऊंट ओपन किया है। अगर हमें वेबसाईट में कुछ बदल करने हो तो हम इस अकाऊंट के माध्यम से कर सकते है। ई-मेल आयडी तथा पासवर्ड हमें याद रहें इसलिए उसे नोट कर के रखें। ई-मेल अकाऊंट कैसे ओपन करें इसकी पूरी जानकारी हमें ई मेल संदर्भ लेख में मिलेगी।
अभी इस ई-मेल अकाऊंट की सहायता से हम वेबसाईट बनाना शुरु करेंगे। यदि हमें अपनी पर्सनल वेबसाईट बनानी हो या हम पहली बार बना रहे हो तो हम फ्री होस्टिंग और डोमेन प्रदान करने वाली वेबसाईट का उपयोग कर सकते है। www.mydomain, www.freedomain.com, www.doteasy.com, www.dotfree.com ये इन में से कुछ नाम है।
मिसाल के तौर पर www.weebly.com इस के आधार से भी हम वेबसाईट बना सकते है। इस साईट पर जाते ही नीचे दी गई विंडो ओपन होगी।
इस के बाद बाई तरफ के स्तंभ में आवश्यक जानकारी भरना जरुरी है। इस के अनुसार ‘फुल नेम’ के सामने ई-मेल अकाऊंट से फर्स्ट और लास्ट नेम टाईप करें। उस के बाद अपने ई-मेल अकाऊंट का संपूर्ण नाम (mytraveltrips2013gmail.com) तथा पासवर्ड भरना पडेगा।
उस के बाद Sign Up लिखे हुए बटन पर क्लिक करने के पश्चात वीबली के साईट की शुरुआत हो जाएगी। इसके बाद नीचे दी हुई विंडो आएगी उसमें से हमें ‘साईट’ यह पर्याय चुनना है।
बाद में वीबलीपर उपलब्ध किए गए फ्री टेम्पलेटस् का प्री-व्ह्यू देखने मिलेगा। इस में से अपनी पसंदीदा टेम्पलेट हम चुन सकते है। सिर्फ वह टेम्पलेट विषयानुरुप होनी चाहिए, यह ध्यान रखना जरुरी है।
क्रमश: