सप्तचक्र उपासना - अधिक सुलभतेने कशी करावी?
पुस्तिकेत दिलेल्या माहितीनुसार, श्रद्धावान पुस्तिकेतील चक्रांच्या प्रतिमेकडे पाहता पाहता त्या संबंधित चक्राचा गायत्री मंत्र आणि स्वस्तिवाक्य म्हणत घरी उपासना करू शकतात.

पुस्तिकेत दिलेल्या माहितीनुसार, श्रद्धावान पुस्तिकेतील चक्रांच्या प्रतिमेकडे पाहता पाहता त्या संबंधित चक्राचा गायत्री मंत्र आणि स्वस्तिवाक्य म्हणत घरी उपासना करू शकतात.

पुस्तिका में दी गयी जानकारी के अनुसार, श्रद्धावान पुस्तिका में दी गयीं चक्रों की प्रतिमाओं की ओर देखते हुए उस संबंधित चक्र का गायत्री मंत्र और स्वस्तिवाक्य बोलते हुए घर में उपासना कर सकते हैं।

परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने १५ अक्तूबर २०१५ के पितृवचनम् में ‘ श्रीशब्दध्यानयोग के साथ स्वयं को जोड लो’ इस बारे में बताया।

परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने १५ अक्तूबर २०१५ के पितृवचनम् में ‘ श्रीशब्दध्यानयोग-विधि ’ के बारे में बताया।

इस उपासना में कहो, आराधना में कहो, हम कहेंगे इस ध्यान योग में। इस ‘ श्रीशब्दध्यानयोग ’ में हर एक अक्षर, हर एक मंत्र यह वैदिक है।