पंचमुखहनुमत्कवचम् विवेचन - ११ (कहेऊं तात अस मोर प्रनामा।) Panchamukha-Hanumat-kavacham Explanation - 11 (Kahehu taat as mor pranaama) - Aniruddha Bapu
पंचमुखहनुमत्कवचम् के विवेचन में ‘सुन्दरकाण्ड में हनुमानजी को ‘तात’ कहकर श्रीराम और जानकी ने संबोधित किया है’ - सद्गुरु अनिरुद्ध बापू पितृवचन