श्री माघी गणपति जन्मोत्सव - २०२५ संदर्भात महत्त्वाची सूचना
हरि ॐ
रविवार, दि.२ फेब्रुवारी २०२५ रोजी श्रीहरिगुरुग्राम, बांद्रा येथे संस्थेतर्फे दर वर्षीप्रमाणे ‘श्री माघी गणपति जन्मोत्सव’ साजरा केला जाणार आहे.
परमपूज्य सद्गुरु अनिरुद्ध बापूंनी "श्री माघी गणपति जन्मोत्सवाचे" महत्त्व विषद केलेल्या प्रवचनाची लिंक तसेच ह्यापूर्वी झालेल्या उत्सवांतील काही महत्त्वाचे फोटोही सोबत जोडत आहोत.
सकाळी सूर्योदयापासून दिवसभर चालणार्या ह्या मंगलमय सोहळ्यास हजर राहून, सर्व श्रद्धावान त्याचा आनंद घेऊ शकतात ह्याची सर्व श्रद्धावानांनी नोंद घ्यावी.
परमपूज्य सद्गुरु अनिरुद्ध बापूंच्या मार्गदर्शनानुसार माघी गणपति जन्मोत्सवात, बापूंच्याच घरच्या पूजेतील ‘श्री ब्रह्मणस्पति’ या गणपतिच्या वेदोक्त स्वरूपाचे वैदिक पद्धतीने, ऋग्वेदातील ‘ब्रह्मणस्पति सूक्त’, मंत्र व स्तोत्रांसह आठ नद्यांच्या जलाने अभिषेक करून षोडशोपचारे पूजन केले जाते. तसेच ‘श्री गणपति अथर्वशीर्षा’चे पठणही केले जाते.
ह्या वर्षी होणार्या उत्सवाच्या दिवशी, म्हणजेच रविवार, दि.२ फेब्रुवारी २०२५ रोजी श्रीहरिगुरुग्राम येथे सकाळी ६.४५च्या सुमारास ब्रह्मणस्पतिच्या मूर्तीचे आगमन होईल. त्यानंतर सूर्योदयाच्या मुहूर्तावर, म्हणजे सकाळी ७.१५ वाजता वेदोक्त मंत्रांनी ध्वजारोहण संपन्न होईल व त्यापाठोपाठ पुरोहितांकडून ‘एकदिनसाध्य गणेश याग’ संपन्न होईल, ज्यामध्ये ब्रह्मणस्पतिसह माता श्री शिवगंगागौरीचेही पूजन केले जाईल.
गणेश याग संपन्न झाल्यानंतर ‘ॐ श्री ब्रह्मणस्पतये पार्वतीपुत्राय मंगलमूर्तये गणपतये विश्वघनप्राणाय सर्वविघ्ननिवारकाय नमो नम:’ हा मंत्र आणि ‘श्री शिवगंगागौरी-अष्टोत्तरशतनामावलि’ यांचे श्रद्धावानांकडून पठण केले जाईल. श्रद्धावान श्री ब्रह्मणस्पति, माता श्री शिवगंगागौरी आणि अष्टविनायकांचे दर्शन घेऊन दूर्वांकुर अर्पण करू शकतात. त्याचप्रमाणे सकाळी ९.०० वाजल्यापासून "श्रीविघ्नविनाशक गणपती पूजन" ह्या पूजनातही प्रत्यक्ष सहभागी होऊ शकतात. रात्रौ ९.००च्या सुमारास महाआरती होऊन ह्या उत्सवाची सांगता होईल.
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रविवार, दि.२ फरवरी २०२५ के दिन श्रीहरिगुरुग्राम, बांद्रा में संस्था द्वारा हर वर्ष की तरह ‘श्री माघी गणपति जन्मोत्सव’ मनाया जानेवाला है।
परमपूज्य सद्गुरु अनिरुद्ध बापूजी ने "श्री माघी गणपति जन्मोत्सव" का महत्त्व विशद किये हुए प्रवचन की लिंक, साथ ही इससे पहले हुए उत्सवों के कुछ महत्त्वपूर्ण फोटोज् भी साथ मे दे रहे हैं।
सुबह सूर्योदय से लेकर दिनभर चलनेवाले इस मंगलमय उत्सव मे उपस्थित रहकर, श्रद्धावान उसका आनंद उठा सकते है, इस पर सभी श्रद्धावान गौर करें।
परमपूज्य सद्गुरु अनिरुद्ध बापूजी के मार्गदर्शन के अनुसार माघी गणपति जन्मोत्सव में, बापू के ही घर में पूजे जानेवाले ‘श्री ब्रह्मणस्पति’ इस गणपति के वेदोक्त स्वरूप का, वैदिक पद्धति से, ऋग्वेद के ‘ब्रह्मणस्पति सूक्त’, मंत्र तथा स्तोत्रों के साथ, आठ नदियों के जल से अभिषेक करके, षोडशोपचार से पूजन किया जाता है। साथ ही, ‘श्री गणपति अथर्वशीर्ष’ का पठन भी किया जाता है।
इस साल होनेवाले उत्सव के दिन, यानी रविवार, दि.२ फरवरी २०२५ को श्रीहरिगुरुग्राम में, सुबह लगभग ६.४५ को ब्रह्मणस्पति की मूर्ति का आगमन होगा। उसके बाद सूर्योदय के मुहूर्त पर, यानी सुबह ७.१५ बजे वेदोक्त मंत्रों के साथ ध्वजारोहण संपन्न होगा और उसके बाद पुरोहितों द्वारा ‘एकदिनसाध्य गणेश याग’ संपन्न होगा, जिसमें ब्रह्मणस्पति समेत माता श्री शिवगंगागौरी का भी पूजन किया जायेगा।
गणेश याग संपन्न होने के बाद ‘ॐ श्री ब्रह्मणस्पतये पार्वतीपुत्राय मंगलमूर्तये गणपतये विश्वघनप्राणाय सर्वविघ्ननिवारकाय नमो नम:’ इस मन्त्र का तथा ‘श्री शिवगंगागौरी-अष्टोत्तरशतनामावलि’ का श्रद्धावानों द्वारा पठन किया जायेगा। श्रद्धावान, श्रीब्रह्मणस्पति, माता श्री शिवगंगागौरी तथा अष्टविनायकों के दर्शन करके दूर्वांकुर अर्पण कर सकते हैं। साथ ही, सुबह ९.०० बजे से, "श्रीविघ्नविनाशक गणपति पूजन" इस पूजन में प्रत्यक्ष सहभागी हो सकते हैं। रात ९.०० बजे महाआरती होकर इस उत्सव का समापन होगा ।
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On Sunday, 2nd February 2025, the 'Shri Maghi Ganapati Janmotsav’ will be celebrated by our Sanstha at Shri Harigurugram, Bandra like it is done every year.
A link to the discourse by Param Pujya Sadguru Aniruddha Bapu, where he explains the significance of the ‘Shri Maghi Ganapati Janmotsav,’ along with some important photos from previous celebrations, is also shared.
All Shraddhavans kindly note that they are welcome to attend and rejoice in the joy of this auspicious ceremony, which will take place from sunrise and continue throughout the day.
As per the guidance of Param Pujya Sadguru Aniruddha Bapu, during the Maghi Ganapati Janmotsav, an idol of ‘Shri Brahmanaspati,’ a form of Shri Ganapati mentioned in the Vedas, will be brought from the puja room of Bapu’s residence, and will be worshipped with Vedic rituals, including the chanting of the ‘Brahmanaspati Sukta' from the Rigveda, along with mantras and stotras. An Abhishek (ablution) will also be performed with water from eight rivers, followed by a Shodashopachara Pujan (sixteen-fold worship). Additionally, the ‘Shri Ganapati Atharvashirsha’ will also be recited.
This year, on the day of Utsav, i.e. Sunday, 2nd February 2025, the idol of Brahmanaspati will arrive at Shri Harigurugram around 6:45 am. Following this, at the time of sunrise, around 7:15 am, the flag hoisting will take place with Vedic mantras, and immediately thereafter, the ‘Ekdin Sadhya Ganesh Yadnya’ will be performed by Purohits, which will include worship of Brahmanaspati and Mata Shri Shivgangagauri.
After the Ganesh Yadnya, the mantra ‘Om Shri Brahmanaspataye Parvatiputray Mangalamurtaye Ganapataye Vishvaghnapranay Sarvavighnanivarakay Namo Namah’, along with the ‘Shri Shivgangagauri-Ashtottara-Shatanamavali’ will be chanted by Shraddhavans. Shraddhavans will have the opportunity to offer Durva (sacred grass) after taking the darshan of Shri Brahmanaspati, Mata Shri Shivgangagauri, and Ashtavinayak. Additionally, Shraddhavans may actively participate in the ‘Shri Vighnavinashak Ganapati Pujan' from 9 am onwards.The celebration will conclude with a Maha-Aarti around 9 pm.
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