श्रीमहागणपति-दैवतविज्ञान
महागणपति तरल, सूक्ष्म और स्थूल तीनों रूपों में चैतन्य के प्रतीक हैं। वे वाणी, बुद्धि, संतुलन और धैर्य के अधिष्ठाता होकर मानव जीवन के संपूर्ण विकास का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
महागणपति तरल, सूक्ष्म और स्थूल तीनों रूपों में चैतन्य के प्रतीक हैं। वे वाणी, बुद्धि, संतुलन और धैर्य के अधिष्ठाता होकर मानव जीवन के संपूर्ण विकास का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
Aniruddha Bapu - ‘ॐ लं’ का जाप करते हुए जमीन पर नंगे पाव चलना चाहिए (Walk barefoot on the Earth, Chant Lam)
Aniruddha Bapu - परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने 28-Apr-2016 के पितृवचनम् में 'मूलाधार चक्र के स्वामी एकदन्त गणेश हैं', इस बारे में बताया।
Aniruddha Bapu - परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने ७ एप्रिल २०१६ के पितृवचनम् में ‘मूलाधार चक्र की चार पंखुडियाँ’ इस बारे में बताया।
Aniruddha Bapu - परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने ७ एप्रिल २०१६ के पितृवचनम् में 'ॐ लं का जप करें’, इस बारे में बताया।