`ॐ लं ’ का जप करे (Chant `Om Lam') - Aniruddha Bapu

परमपूज्य सद्‍गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने ७ एप्रिल २०१६ के पितृवचनम् में  'ॐ लं का जप करें’, इस बारे में बताया।

 
Aniruddha Bapu - ॐ लं’ का जप करे Chant `Om Lam'
Aniruddha Bapu - ॐ लं’ का जप करे  Chant `Om Lam'
 
 शमनं, दमनं नहीं, destruction नहीं, दमन नहीं है, suppression भी नहीं, नॉर्मल करना। जो हमारे विकार या वासनाएँ हैं, जो भी हमारे षड्‌रिपु हैं, वे सारे षड्‌रिपु कहां से काम करते हैं? तो मूलाधार चक्र से काम करते हैं। और ये जो ‘शं बीज’ है, ये ‘लं बीज’ के अंदर ही आता है। ‘शं बीज’ की जो फ्रीक्वेंसी है, मैं साऊंड की फ्रीक्वेंसी की बात नहीं कर रहा हूं, बीज की फ्रीक्वेंसी की बात कर रहा हूं, ये ‘लं बीज’ के अंदर आता है।
 
तो ‘लं बीज’, एक इंसान, जब आप सौ लोग ‘लं’ बोल रहे हैं, ‘ॐ लं’, ‘ॐ लं’, तो तीस लोगों के लिये ‘शं बीज’ की ज्यादा आवश्यकता है और बाकी बीजों की जितनी आवश्यकता होगी, तो उसी पर्सेंटेज में, ये ‘लं बीज’, ‘षं’, ‘शं’, ‘सं’, ‘वं’ प्रसारित करेगा। इसलिये बोल रहा हूं, ‘ॐ लं’ बोलिये सिर्फ, बाकी कुछ बोलने की आवश्यकता नहीं है। क्यों? क्योंकी वो जिम्मेदारी आप पर आ जाएगी। आप जब पूरे भाव के साथ ‘ॐ लं’ बोलोगे, तो ‘षं’, ‘शं’, ‘सं’, ‘वं’ जितने जितने पर्सेंटेज में, जितने जितने प्रतिशत में आपके जीवन में आवश्यक हैं, उतने प्रमाण में, ये जो वहां का स्वामी जो हैं, कौन हैं मूलाधार चक्र के स्वामी? गणेशजी हैं, वे अपने आप ये लं बीज को प्रेरित करेंगे।
 
जितने पर्सेंटेज में, जितने टक्के में चाहिये ‘शं बीज’, ‘वं बीज’, हर एक में अलग अलग, और वे भी हर काल के अनुसार अलग अलग। समझो, आज तुम्हें बैठना है, ‘ॐ लं’ कहते, तो उसके जीवन में उस समय समझो, ‘ॐ वं’, ‘ॐ शं’ बीज के vibrations की ज्यादा आवश्यकता है, ७५%, तो वो ७५% बनता है। और कल समझो, उनके सिर्फ १०% की आवश्यकता है, तो कल सिर्फ १०% जाएंगे, बाकी बीज जो हैं, वो ज्यादा जाएंगे। और ये हमें decide करना हैं, हम जानते हैं? हमारी कुंडलिनी की अवस्था हम जानते हैं? हमारे प्राणों में नाडियों की अवस्था हम जानते हैं? इसलिये भगवान पर faith होना चाहिये।
 
मैं ‘ॐ लं’ कहूं, तब ‘ॐ वं’, ‘ॐ षं’, ‘ॐ शं’, ‘ॐ सं’, ‘ॐ लं’ का उच्चारण करके आगे जा सकता हूं, लेकिन कभी? जब पूरा ज्ञान प्राप्त हो कि ‘शं’ कैसे काम करता है, ‘शं’ बीज जो है, वो रुद्र का कार्य कैसे करता है? हमारे body में कौन से केमिकल्स हैं, द्रव्य हैं, हार्मोन्स हैं, जिन्हें वो प्रेरित करता है। कौन से nerve impulses है, वो कैसे इसको affect करता है? शरीर का magnetic field है। चुंबकीय क्षेत्र जो है शरीर का, उसे कैसे बदलता है? ये जानने के लिये हम बैठ जाएं, तो पूरी जिंदगी निकल जाएगी तो भी ये knowledge नहीं आएगा।
 
इसलिये अच्छी बात क्या है? हम लोग मूलाधार चक्र के ‘लं बीज’ का पूरा फायदा उठाने के लिये, ‘ॐ लं’ का जप करें। ‘शं’ कार्य जो है उसका, ‘लं बीज’ का, उसे जानें। मैं किसी के भी जीवन में जहर नहीं घोलूँगा और किसीको भी मेरे जीवन में जहर नही घोलने दूँगा।
 
 'ॐ लं का जप करें’, इस बारे में बताया, इस बारे में हमारे सद्गुरु अनिरुद्ध बापू ने पितृवचनम् में बताया, जो आप इस व्हिडिओ में देख सकते हैं।

॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥

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