मोद-क
नैवेद्य के रूप में मोदक अवश्य अर्पण करें और प्यार से स्वयं भी खायें, परन्तु मोद का अर्थ है आनंद, यह न भूलें। परमात्मा और अन्य लोगों को आनंद हो ऐसा व्यवहार करना ही सर्वश्रेष्ठ मोदक है।'
नैवेद्य के रूप में मोदक अवश्य अर्पण करें और प्यार से स्वयं भी खायें, परन्तु मोद का अर्थ है आनंद, यह न भूलें। परमात्मा और अन्य लोगों को आनंद हो ऐसा व्यवहार करना ही सर्वश्रेष्ठ मोदक है।'
मोदक नैवेद्य म्हणून जरूर अर्पण करा व आवडीने स्वतःही भक्षण करा परंतु मोद म्हणजे आनंद हे विसरू नका. परमात्म्यास व इतरांस आनंद होईल असे वागणे, हाच सर्वश्रेष्ठ मोदक होय.'