श्रीमहागणपति-दैवतविज्ञान
महागणपति तरल, सूक्ष्म और स्थूल तीनों रूपों में चैतन्य के प्रतीक हैं। वे वाणी, बुद्धि, संतुलन और धैर्य के अधिष्ठाता होकर मानव जीवन के संपूर्ण विकास का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
महागणपति तरल, सूक्ष्म और स्थूल तीनों रूपों में चैतन्य के प्रतीक हैं। वे वाणी, बुद्धि, संतुलन और धैर्य के अधिष्ठाता होकर मानव जीवन के संपूर्ण विकास का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
Sadguru Aniruddha Bapu affirms the Vedic origin and eternal presence of Shree Ganapati, urging devotion over debate in this powerful editorial from Dainik Pratyaksha.