कल दशहरा था। बापूजी खुद श्रीहरिगुरुग्राम में पधारे और सभी श्रद्धावानों को बापूजी के दर्शनों का लाभ मिला।
संपन्न हुए दशहरे के पावन पर्व की मेरे सभी मित्रों को शुभकामनाएं देते हुए मैं सदगुरु बापूजी के चरणों में यही प्रार्थना करता हूँ कि प्रत्येक श्रद्धावान का सदगुरु चरणों में "विश्वास" दृढ हो।
इस आश्विन नवरात्रि में हम सब ने कई घटनाएं देखीं। इस नवरात्रि के पहले दिन, अर्थात प्रतिपदा के दिन प्रभात समय श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम में श्रीशिवगंगागौरी के स्नान समारोह से नवरात्री की शुरुआत हुई। कई श्रद्धावान इस नवरात्री के दौरान श्रीअनिरुद्ध गुरुक्षेत्रम और जूईनगर में दर्शन के लिए आये। इस नवरात्री के पहले ही दिन, श्रद्धावान जिस का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे, उन 'पिपासा', पिपासा 2' एवं 'पिपासा पसरली' नामक सीडीस का पुनःप्रकाशन हुआ। इसी तरह श्रीआंजनेय प्रकाशन की अधिकृत इ-कौमर्स वेबसाइट www.aanjaneyapublications.com शुरू की गई । इस नवरात्री के दौरान, अर्थात शनिवार दिनांक 20 अगस्त के दिन श्रीअनिरुद्ध चालीसा अखंड पाठ का कार्यक्रम बड़े ही भक्तिपूर्ण माहौल में श्रीहरिगुरुग्राम में संपन्न हुआ। इसी तरह नवरात्री के दौरान सप्तमी के दिन बापूजी के घर पर श्रीपराम्बा पूजन संपन्न हुआ।
कल दशहरे के दिन सुबह को बापूजी द्वारा लिखी हुई दो पुस्तकें, "आवाहनं न जानामि" और "तदात्मानं सृजाम्यहम" पुनर्प्रकाशित की गईं और वे सभी श्रद्धावानों के लिए उपलब्ध हैं। यह पुस्तकें जल्द ही वेबसाइट (www.aanjaneyapublications.com ) पर उपलब्ध होंगी।
अब बापूजी हर गुरूवार को श्रीहरिगुरुग्राम में आयेंगे और श्रद्धावानों को फिर से बापूजी के प्रवचनों का आनंद नित्यरूप से मिलता रहेगा..