परिपूर्णता यह भ्रम है (Perfection Is An Illusion) यदि किसी अपने के साथ झगडा होता है, तब भी ‘वह मेरा अपना है’ इस बात को भूलना नहीं चाहिए। खून का रिश्ता हो या मन का, हर रिश्ते की बुनियाद प्यार की होनी चाहिए। परिवार के दो सदस्यों के बीच मतभेद हो भी जाते हैं, तब भी वे एकदूसरे के शत्रु नहीं बन जाते। इस वर्ष हमें प्रेम बढाते समय इस बात का ध्यान रखना है। मानव के कुछ न कुछ खामियां रहती है, परिपूर्णता यह भ्रम है, इस बारे में परमपूज्य सद्गुरू श्री अनिरुद्ध बापूनें अपने २५ दिसंबर २०१४ के प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडियो में देख सकते हैं l
॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥