भारत-चीन तनाव
भारतीय सैनिकों ने ही ‘पीएलए’ के सैनिकों से मारपीट की – चीन का आरोप
नई दिल्ली/बीजिंग – तवांग के एलएसी पर चीन की सेना ने नहीं, बल्कि भारतीय सैनिकों ने घुसपैठ करने का आरोप चीन के ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी’ (पीएलए) ने लगाया है। भारतीय सैनिकों ने चीन की सीमा में घुसकर हमारे सैनिकों से मारपीट की, ऐसी शिकायत ‘पीएलए’ ने की है।साथ ही भारत अपने सैनिकों को काबू करें, यह आवाहन भी पीएलए के अधिकारी ने किया हैं। इस वजह से तवांग के एलएसी पर हुए संघर्ष का ठिकरा भारत पर फोड़ने की तैयारी ‘पीएलए’ करती दिख रही हैं। भारत और चीन के इस संघर्ष का संज्ञान अमरीका ने भी लिया हैं और अमरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटॅगॉन एवं अमरिकी विदेश मंत्रालय ने भी एलएसी की स्तिति बदलने की एकतरफा की हुई कोशिश बर्दाश्त नहीं होगी, ऐसी चेतावनी चीन को दी हैं।
‘पीएलए’भारतीय वायु सेना ने तवांग के एलएसी पर गुरूवार और शुक्रवार को युद्धाभ्यास का आयोजन किया हैं। इसके लिए ज़रूरी सूचना वायु सेना ने जारी करके यहां पर अन्य किसी भी विमान के प्रवेश पर रोक लगाई हैं। इसके ज़रिये भारत चीन को कड़ी चेतावनी दे रहा हैं, ऐसे दावे हो रहे हैं। वायु सेना के ‘सुखोई-३० एमकेआई’ और नवीनतम राफेल विमान इस युद्धाभ्यास का हिस्सा होंगे, यह जानकारी प्रदान हो रही हैं। तवांग के संघर्ष की खबर जारी होने के बाद वायुसेना ने एलएसी की गतिविधियों पर अपनी नज़र होने की चेतावनी दी थी। इसी बीच, चीन के सेना अधिकारियों ने तवांग के संघर्ष के बाद किया बयान माध्यमों ने प्रसिद्ध किया हैं।
भारतीय सैनिकों ने चीन की घुसपैठ नाकाम कर दी – रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
नई दिल्ली/बीजिंग – भारतीय सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सेना की घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी है, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह जानकारी संसद में साझा की। इसी बीच चीन ने अब ‘एलएसी’ पर स्थिति सामान्य और स्थिर होने का बयान करके भारतीय सेना के साथ अपने सैनिकों की मुठभेड़ पर अधिक बयान करना टाल दिया है। ऐसे में चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने दावा किया कि, भारतीय सैनिकों ने ही हमारी सीमा में घुसपैठ की। तवांग पर चीनी सेना ने ड्रोन्स की गतिविधियां शुरू करने के बाद भारतीय वायुसेना के विमानों ने यहां के ‘एलएसी’ पर हवाई गश्त शुरू की है, ऐसी भी खबरें प्राप्त हो रही हैं। साथ ही वहां की स्थिति पर भारतीय सेना के साथ वायुसेना भी नज़र रखे हुए है, यह कहा जा रहा है।
मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में तवांग में भारत-चीन सैनिकों के टकराव को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने निवेदन किया। चीनी सेना की घुसपैठ की कोशिश को भारत के वीर सैनिकों ने नाकाम कर दिया। इस संघर्ष में भारतीय सैनिक घायल हुए, लेकिन उनकी चोटें गंभीर नहीं हैं, ऐसी जानकारी रक्षा मंत्री ने दी। भारतीय माध्यमों ने दावे किए हैं कि, चीन इस संघर्ष की तैयारी काफी पहले से कर रहा था। फिलहाल चीन में राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के खिलाफ जनता सड़कों पर उतरकर असंतोष व्यक्त कर रही है। इसे मिटाने के लिए चीन अपने पड़ोसी देशों के साथ जानबूझकर सीमा विवाद निर्माण कर रहा है और तवांग के एलएसी पर चीनी सेना की उकसानेवाली हरकत के पीछे यह पृष्ठभूमि होने का दावा भारतीय विश्लेषक कर रहे हैं।
अरुणाचल प्रदेश के तवांग ‘एलएसी’ पर भारत-चीन सेना की मुठभेड़
नई दिल्ली – अरुणाचल प्रदेश के तवांग ‘एलएसी’ पर भारतीय सैनिकों की ९ दिसंबर को चीनी सैनिकों से मुठभेड़ हुई। इस दौरान दोनो देशों के सैनिक थोड़े-बहुत घायल हुए। लेकिन, कुछ ही समय बाद दोनों देशों के सैनिक मुठभेड़ की जगह से पीछे हटे और बाद में दोनों देशों के सेना अधिकारियों की वहां पर ‘फ्लैग मिटींग’ हुई। भारतीय सेना ने इसकी जानकारी साझा की है। लेकिन, चीनी सेना ने घुसपैठ करने की कोशिश करने के कारण यह संघर्ष होने के मुद्दे पर भारतीय माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। साल २०२० में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद तवांग में दोनों देशों की सैनिकों की हुई यह मुठभेड़ पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित कर रही हैं।
तवांगचीन सेना के दल ने ९ दिसंबर को तवांग से भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की थी। लेकिन, भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को तुरंत रोक रखा। इसके बाद कुछ और चीनी सैनिक वहां पहुंचे और भारतीय सैनिकों का दल भी वहां पर दाखिल हुआ। इसी बीच हुए संघर्ष में भारतीय सैनिक घायल हुए। लेकिन, उससे कई अधिक संख्या में चीनी सैनिकों के घायल होने की बात कही जा रही हैं। भारतीय सेना का इस तरह का जवाब मिलेगा, यह उम्मीद चीनी सेना ने नहीं रखी थी। इस वजह से उन्होंने यह संघर्ष जारी रखने के बजाय वहां से पीछे हटने का निर्णय किया, ऐसी खबरें माध्यमों ने प्रदान की है। तवांग के ‘एलएसी’ पर घुसपैठ करने की कोशिश कर रहें चीनी सैनिकों की संख्या करीबन ३०० बताई जा रही हैं।
‘एलएसी’ की स्थिति बदलने की एकतरफा कोशिश गई की तो भारत-चीन संबंध सुधरने की संभावना नहीं – विदेश मंत्री एस.जयशंकर का खुलासा
नई दिल्ली – अरुणाचल प्रदेश के तवांग ‘एलएसी’ पर भारतीय सैनिकों की ९ दिसंबर को चीनी सैनिकों से मुठभेड़ हुई। इस दौरान दोनो देशों के सैनिक थोड़े-बहुत घायल हुए। लेकिन, कुछ ही समय बाद दोनों देशों के सैनिक मुठभेड़ की जगह से पीछे हटे और बाद में दोनों देशों के सेना अधिकारियों की वहां पर ‘फ्लैग मिटींग’ हुई। भारतीय सेना ने इसकी जानकारी साझा की है। लेकिन, चीनी सेना ने घुसपैठ करने की कोशिश करने के कारण यह संघर्ष होने के मुद्दे पर भारतीय माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। साल २०२० में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद तवांग में दोनों देशों की सैनिकों की हुई यह मुठभेड़ पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित कर रही हैं।
तवांगचीन सेना के दल ने ९ दिसंबर को तवांग से भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की थी। लेकिन, भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को तुरंत रोक रखा। इसके बाद कुछ और चीनी सैनिक वहां पहुंचे और भारतीय सैनिकों का दल भी वहां पर दाखिल हुआ। इसी बीच हुए संघर्ष में भारतीय सैनिक घायल हुए। लेकिन, उससे कई अधिक संख्या में चीनी सैनिकों के घायल होने की बात कही जा रही हैं। भारतीय सेना का इस तरह का जवाब मिलेगा, यह उम्मीद चीनी सेना ने नहीं रखी थी। इस वजह से उन्होंने यह संघर्ष जारी रखने के बजाय वहां से पीछे हटने का निर्णय किया, ऐसी खबरें माध्यमों ने प्रदान की है। तवांग के ‘एलएसी’ पर घुसपैठ करने की कोशिश कर रहें चीनी सैनिकों की संख्या करीबन ३०० बताई जा रही हैं।
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