How we must do the Gunasankirtan of God and how it benefits me
In His pravachan dated 7th October 2004, Sadguru Aniruddha Bapu clarifies how Bhagwan Shree Krishna is always associated with both Devaki as well as Yashoda. Bapu elucidates how we must do the Gunasankirtan, that is, sing praises of the attributes of God and how it connects with our wants and desires. Based on this, Sadguru Aniruddha reveals the key factor that led to the victory of the Pandavas over Kauravas and what it is that we must ask of God.
७ अक्टूबर २००४ के अपने प्रवचन में, सद्गुरु अनिरुद्ध बापू स्पष्ट करते हैं कि कैसे भगवान श्री कृष्ण हमेशा देवकी और यशोदा दोनों के साथ जुड़े हैं। आगे सद्गुरु अनिरुद्ध यह खुलासा करतें हैं कि वह ऐसा कौनसा प्रमुख कारक था जिस कारण कौरवों पर पांडवों ने विजय प्राप्त की। इसके आधार पर, सद्गुरु बापू समझाते हैं कि हमें गुणसंकीर्तन कैसे करना चाहिए और हमारी इच्छापूर्ति के साथ इसका संबंध कैसे है। हमें भगवान से क्या मांगना चाहिए यह भी बापू यहां स्पष्ट करते है।
|| हरि: ॐ || ||श्रीराम || || अंबज्ञ ||