Difference between Ideas and Imagination -Aniruddha Bapu
In his discourse on 29 September 2005, Sadguru Shree Aniruddha Bapu explains the difference between ideas and imagination. At the same time, Bapu also clarifies by giving relevant examples of what harm we do by just imagining things.
Based on this, Bapu also explains to us, how and why 'Godess Radha ji' lives in the forest of our imaginations and thoughts and what is her role in our life.
२९ सितंबर २००५ को अपने प्रवचन में, सद्गुरु श्रीअनिरुद्धबापू युक्ति और कल्पना के बीच के फ़र्क को स्पष्ट करते हैं। साथ ही, सिर्फ़ कल्पना करते रहने से हमें क्या नुकसान होता है, यह भी बापू समर्पक उदाहरण देकर स्पष्ट करते हैं। इसी का आधार लेकर बापू हमे समझाते हैं कि हमारी कल्पनाओं और विचारों के जंगल मे ही राधाजी किस प्रकार और क्यों रहती हैं और हमारे जीवन में उनकी क्या भूमिका है।
|| हरि: ॐ || ||श्रीराम || || अंबज्ञ ||