गुरुवार दि. २५ सप्टेंबर २०२५ रोजीच्या 'अंबज्ञ इष्टिका पूजनाच्या' वेळेसंबंधी स्पष्टीकरण

ह्या वर्षी श्रीहरिगुरुग्राम येथे धनलक्ष्मी पूजन उत्सवाच्या दिवशी प्रथमच होणार्या ’श्रीधन्वंतरी पूजनाबद्दलची’ महत्त्वाची माहिती गुरुवार, दि.२५ सप्टेंबर रोजी सद्गुरु श्रीअनिरुद्ध त्यांच्या पितृवचनाच्या वेळी देणार आहेत.
मात्र हा गुरुवार, म्हणजेच दि.२५ सप्टेंबर हा दिवस अशुभनाशिनी नवरात्रीमधला गुरुवार आहे व बहुसंख्य श्रद्धावान नवरात्रीमध्ये आपापल्या घरी ’अंबज्ञ इष्टिका पूजन’ करतात, जे नेहमीच्या पद्धतीनुसार सायंकाळी सूर्यास्तानंतर करावयाचे असते. ह्या अनुषंगाने, श्रद्धावानांच्या सोयीसाठी, सद्गुरु श्रीअनिरुद्धांच्याच संकल्पाने त्या गुरुवारी करावयाचे ’अंबज्ञ इष्टिका पूजन’ श्रद्धावान सकाळच्या सत्रातही करू शकतात, जेणेकरून सर्व श्रद्धावान नि:संकोचपणे आणि निर्धास्तपणे सायंकाळी श्रीहरिगुरुग्राम येथे उपस्थित राहून ’श्रीधन्वंतरी पूजनाबद्दलची’ महत्त्वाची माहिती समजून घेऊ शकतील.
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इस वर्ष श्रीहरिगुरुग्राम में धनलक्ष्मी पूजन उत्सव के दिन पहली ही बार होने जा रहे ’धन्वंतरी पूजन’ के संदर्भ में महत्त्वपूर्ण जानकारी, सद्गुरु श्रीअनिरुद्ध गुरुवार, दि.२५ सितंबर को उनके पितृवचन के समय देनेवाले हैं।
लेकिन यह गुरुवार, यानी दि.२५ सितंबर यह दिन 'अशुभनाशिनी नवरात्रि' में होनेवाला गुरुवार है और अधिकांश श्रद्धावान नवरात्रि में अपने अपने घरों में ’अंबज्ञ इष्टिका पूजन’ करते हैं, जो हमेशा की पद्धति के अनुसार शाम को सूर्यास्त के बाद किया जाता है। इस अनुषंग से, श्रद्धावानों की सहूलियत के लिए, सद्गुरु श्रीअनिरुद्धजी के ही संकल्प से, उस गुरुवार को किया जानेवाला ’अंबज्ञ इष्टिका पूजन’ श्रद्धावान सुबह के सत्र में भी कर सकते हैं, ताकि सभी श्रद्धावान नि:संकोच तथा बेझिझक शाम को श्रीहरिगुरुग्राम में उपस्थित रहकर ’धन्वंतरी पूजन’ संबंधित महत्त्वपूर्ण जानकारी समझ ले सकते हैं।
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During His Pitruvachan on Thursday, 25th September, 2025, Sadguru Shree Aniruddha will share important information about the ‘Shree Dhanvantari Poojan’ which will be held for the very first time, on the day of the Dhanalakshmi Poojan festival at Shree Harigurugram this year.
However, this Thursday, i.e., 25th September, falls during the Ashubhanashini Navratri. During Navratri most Shraddhavan devotees perform the Ambadnya Ishtika Poojan at their homes, which, as per tradition, is to be done after sunset.
Taking this into consideration, for the convenience of Shraddhavans, as per the Sankalp (resolve) of Sadguru Shree Aniruddha Himself, the Ambadnya Ishtika Poojan that is to be performed on that Thursday can also be done in the morning session so that all Shraddhavans can attend the Pitruvachan at Shree Harigurugram freely and without any worry, and receive the important information about the Shree Dhanvantari Poojan.