अफगाणिस्तान में हिंसा और अस्थिरता का दौर कायम
अफ़गानिस्तान में मौजुदा वर्ष के पहले छह महीनों में हुई हिंसा में १,२०० से अधिक लोग ढ़ेर – संयुक्त राष्ट्रसंघ की रपट
काबुल/संयुक्त राष्ट्रसंघ – वर्ष २०२० के पहले छह महीनों के दौरान अफ़गानिस्तान में हिंसा में मारे गए हुए एवं घायल हुए लोगों की संख्या ३,५०० से अधिक होने का दावा संयुक्त राष्ट्रसंघ की रपट में किया गया है। यह रपट जारी करके अफ़गानिस्तान में बढ़ रही हिंसा पर चिंता जताई गई है।
तालिबान ने अल कायदा के साथ बने संबंध खत्म नहीं किए हैं – अफ़गान सेनाप्रमुख का आरोप
काबुल – तालिबान के आतंकी ‘अल कायदा’ संगठन के साथ बने संबंधों में थोड़ा भी फरक नहीं हुआ है। पाकिस्तान स्थित अन्य आतंकी संगठनों के साथ भी तालिबान का सहयोग जारी है। अल कायदा और पाकिस्तान में स्थित आतंकी गुटों से संबंध रखकर तालिबान ने अमरीका के साथ किए शांति समझौते का उल्लंघन किया है, यह आरोप अफ़गान सेनाप्रमुख लेफ्टनंट जनरल यासिन ज़िया ने किया है।
अफ़गानिस्तान से अमरिकी सेना की वापसी को रशिया का विरोध
मास्को – ‘अफ़गानिस्तान में अमरीका की सेना तैनाती को पहले भी समर्थन था और अब भी है। अमरीका की सेना तैनाती की वजह से रशिया के हितसंबंधों को किसी तरह से खतरा नहीं है। लेकिन, अमरीका ने अफ़गानिस्तान में तैनात अपनी सेना को हटाया तो फिर खतरा निर्माण हो सकता है’, यह इशारा राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने दिया।
अफ़गान सुरक्षा बलों ने अल कायदा का नेता अल मसरी को ढ़ेर किया
काबुल – भारतीय उपमहद्विप में अल कायदा का दूसरे क्रमांक का नेता अबु मोहसिन अल मसरी को अफ़गानिस्तान की स्पेशल फोर्स ने ढ़ेर किया। अमरीका ने मोस्ट वॉन्टेड घोषित किया हुआ अबु मोहसिन अल कायदा का प्रमुख डॉ.आयमन अल जवाहिरी का करीबी साथी था। अफ़गानिस्तान में अब तालिबान और सुरक्षा बलों के बीच जोरदार संघर्ष हो रहा है और इसी बीच अबु मोहसिन मारा गया है।
तालिबान के हमले में २० अफ़गान सैनिक मारे गए
काबुल – तालिबान ने शुक्रवार के दिन अफ़गानिस्तान के निमरोज़ प्रांत में स्थित अफ़गान लष्करी अड्डे पर किए हमले में २० अफ़गान सैनिक मारे गए। इसके साथ ही तालिबान ने पांच से छह अफ़गान सैनिकों को बंधक बनाया होने का समाचार प्राप्त हुआ है। बीते २४ घंटों में तालिबान ने अफ़गानिस्तान के २४ प्रांतों में हमले हुए।