काल और दिशा ये हमारे लिए संदर्भ-बिन्दु हैं
सद्गुरु श्री अनिरुद्धने १५ मई २०१४ के पितृवचनम् में ‘दिशा और काल हमारे लिये ‘काल और दिशा ये हमारे लिए संदर्भ-बिन्दु हैं’ इस बारे में बताया।
सद्गुरु श्री अनिरुद्धने १५ मई २०१४ के पितृवचनम् में ‘दिशा और काल हमारे लिये ‘काल और दिशा ये हमारे लिए संदर्भ-बिन्दु हैं’ इस बारे में बताया।
दिशा और काल ये क्या है हमारे लिये? Reference point है। यानी संदर्भ नहीं सिर्फ, reference point, it is a frame of reference. समय और दिशा ये दोनों क्या हैं?
अभी दिन के २४ घंटे होते हैं, हफ्ता सब जगह सात दिनों का होता है। महिने अलग अलग हैं ना। संदर्भ, reference frame, frame of reference, यानी चौखट संदर्भ की यानी क्या? हमारी खुद की reference क्या है? संदर्भ क्या है खुद जानना सीखना चाहिये सिर्फ। संदर्भ संबंध, संदर्भ संबंध उसे क्या कहते हैं? reference point.
संबंध यानी क्या? रिलेशन। इस्ट है, तो सूरज के साथ उगने के साथ वो जुडी हुई है, so उसका संबंध किसके साथ है, सूरज के उगने के साथ। हमारे लिये क्यों है? हम जानना चाहते हैं क्योंकि हमें किसी भी चीज को लोकेट करना है, point out करना है कि यह जगह कहा कहां है। इसलिये हमे दिशा चाहिये। वैसे ही काल में भी क्या है? सिर्फ reference frame है। यानी क्या है? हम लोग कल है, आज है, फिर कल यानी yesterday है, आज है यानी today है, tomorrow है। बाद में day after tomorrow है, day before yesterday है।
‘काल और दिशा ये हमारे लिए संदर्भ-बिन्दु हैं’ इस बारे में हमारे सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने पितृवचनम् में बताया, जो आप इस व्हिडिओ में देख सकते हैं।
॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥