Thursday Announcements dated 9th October 2025

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गुरुवार उपासना के बारे में सूचना

गुरुवार, दिनांक १६ अक्तूबर २०२५ और २३ अक्तूबर २०२५ के दिन श्रीहरिगुरुग्राम, बान्द्रा यहाँ पर, गुरुवार की उपासना एवं परमपूज्य बापू का पितृवचन नहीं होगा । कृपया, सभी श्रद्धावान इसे ध्यानमें रखें ।

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                   सामूहिक अनिरुद्ध चलीसा पठन सबंधित विशेष सूचना 

  इससे पहले सूचित कियेनुसार ,शनिवार, दि. ११ अक्तूबर २०२५ को श्रीहरिगुरुग्राम में, एक दिवसीय, सामूहिक अनिरुद्ध चलिसा पठन का कार्यक्रम आयोजित किया गया था।  

लेकिन ,श्रीहरिगुरुग्राम में, यानी न्यू इंग्लिश स्कूल के परिसर में ,उसी दिन ,परीक्षा आयोजित की गई है । जिसकी वजह से , यह पठन का कार्यक्रम शनिवार, दि. ११ अक्तूबर २०२५ को नहीं होगा। उसके बजाय, अब यह सामूहिक अनिरुद्ध चलिसा पठन का कार्यक्रम ,शनिवार, दि. २५ अक्तूबर २०२५ को ,श्रीहरिगुरुग्राम में पूर्वनियोजित समय के अनुसार ही होगा, इस पर सभी श्रद्धावान गौर करें।  
 
जिन श्रद्धावानों ने ,इस पठन के लिए ,जपक के तौर पर पहले ही नाम दर्ज़ किए हैं, उन्हें बदली हुई तारीख के अनुसार ,पठन में सहभागी होने के लिए ,फिर से नाम दर्ज करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन जो श्रद्धावान ,नये से नाम दर्ज़ करना चाहते हैं, उनके लिए नाम दर्ज़ करने की प्रक्रिया दि. २५ अक्तूबर २०२५ तक जारी रखी जायेगी । ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन लिंक के लिए इच्छुक श्रद्धावान सी.सी.सी.सी. या आय. टी. काउन्टर से संपर्क करें । 

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श्री अनिरुद्ध पौर्णिमा २०२५ 

जिस दिन की, हर श्रद्धावान, आस लगाये बैठते हैं, वह दिन है "श्री अनिरुद्ध पौर्णिमा" उत्सव अर्थात  ’परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ’ का जन्मदिन। इस वर्ष, यह उत्सव, शनिवार,दिनांक ८ नवम्बर २०२५ की, सुबह ९:०० बजे से रात्रौ ९:०० बजे तक श्रीहरिगुरुग्राम, बान्द्रा (पूर्व) यहाँ पर संपन्न होगा । 

परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू, भेट स्वरुप में फल, फूल, मिठाई, ग्रिटींग कार्ड अथवा अन्य कोई वस्तूओंका स्वीकार नहीं करते हैं ।     

हरवर्ष की तरह, इस वर्ष भी, अनिरुद्ध पौर्णिमा के दिन श्रद्धावान सद्‌गुरु के दर्शन के साथ निम्नलिखित लाभ लें सकतें हैं :-    

१    ’श्री अनिरुध्द पौर्णिमा’ के उत्सव की शुरुवात, परमपूज्य सद्‌गुरु श्री अनिरुध्द बापू की उपासना से होती है । यह उपासना , सद्‍गुरु बापू के पंचधातु से बनी मूर्ती  के अभिषेक से होती है ।    

२.    श्रद्धावान इस उत्सवमें’ श्री किरातरुद्र पूजन’ कर सकतें हैं । इस पूजा में, श्री किरातरुद्र के त्रिशूल, धनुष्यबाण और श्रृंगी इन आयुधोंका पूजन किया जाता है । हर मानव को, समग्र विकास के लिए, जिस सामर्थ्य  की आवश्यकता होती है, वो सामर्थ्य, श्रद्धावान, ’श्री किरातरुद्र पूजनद्वारा’, अनिरुध्द पौर्णिमा के दिन, आसानी से प्राप्त कर सकता हैं । श्रद्धावानों की सुविधा हेतू, इस पूजन का ऑन -लाईन बुकिंग भी किया जा सकता हैं।इस की अधिक जानकारी के लिए श्रीहरिगुरुग्राम में,गेट नंबर ४ के सामने स्थित ’आय टी’ काउंटर से संपर्क करें।  
 

३.    'गाऱ्हाणे ’ स्टेज के यहाँ श्रद्धावान, अपने सद्‍गुरु से, ’गाऱ्हाणे ’ द्वारा अपने कुशल-क्षेम की प्रार्थना कर सकतें हैं । वहाँ पर श्रद्धावान ,’स्वेच्छा संकल्प सुदिप' का प्रज्वलन भी कर सकतें हैं । 
 

४.   सद्‌गुरु बापू के घर से आयी हुई, ’श्रीराम, सीता, लक्ष्मण तथा हनुमानजी’ की मूर्ति पर, अभिषेक किया जाता है, तथा, वहाँ हो रहे ’श्रीरामरक्षास्तोत्र’ पठणमें भी, श्रध्दावान शामिल हो सकतें हैं । 
 

५.    इसी तरह, ’उद अर्पण’ करके श्रध्दावान नकारात्मकता का नाश कर सकतें हैं । 
 

६.   इस दिन, श्रद्धावानोंसे सिर्फ अप्पे-प्रसाद का स्विकार किया जाता है । यह अप्पे-प्रसाद सद्‍गुरु को बहुत प्रिय है । 

 
       इसी तरह ’श्री अनिरुध्द पौर्णिमा उत्सव’ का लाभ सभी श्रद्धावान लें सकतें हैं ।