रूस और यूक्रेन में जंग का खतरा बढ़ा
रशिया के यूक्रैन पर हमला करने से तीसरा विश्वयुद्ध छिड़ जाएगा - यूक्रैन के मंत्री का इशारा
किव/मास्को – रशिया का यूक्रैन पर हमला सिर्फ यूक्रैन तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे व्यापक संघर्ष शुरू होगा और तीसरा विश्वयुद्ध छिड़ सकता है, यूक्रैन के मंत्री ने यह चेतावनी दी है| मौजूदा भूराजनीतिक स्थिति पर सोचा जाए तो ऐसा होना मुमकिन है, ऐसा इशारा यूक्रैन की ‘वेटरन्स मिनिस्टर’ युलिआ लैपुटिना ने दिया| कुछ दिन पहले ही रशिया के उप-विदेशमंत्री ने भी बड़े संघर्ष का इशारा दिया था| रशिया विरोधी गतिविधियों के लिए यूक्रैन अड्डा नहीं बनेगा, इसकी गारंटी दें वरना बड़े संघर्ष का खतरा उठाएँ, यह इशारा रशिया के उप-विदेशमंत्री सर्जेई रिब्कोव ने दिया था|
रशिया ने यूक्रैन की सीमा से करीबी इलाके में लगभग १ लाख सैनिकों को तैनात करने के दावे पिछले कुछ दिनों से लगातार सामने आ रहे हैं| इन दावों के साथ ही रशिया की सैन्य गतिविधियों की जानकारी साझा करनेवाले फोटो भी प्रसिद्ध हुए हैं| इससे पश्चिमी देश आक्रामक रवैया अपनाकर रशिया को गंभीर परिणामों का अहसास करा रहे हैं| रशिया और पश्चिमी देशों के बीच लगातार जुबानी मुठभेड़ जारी है और दोनों ओर से एक-दूसरे को इशारे और जवाबी इशारे दिए जा रहे हैं| यूक्रैन की मंत्री का इशारा भी इसी का हिस्सा दिखता है|
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रशिया को यूरोप में परमाणु हथियारों की तैनाती करनी ही होगी - उप-विदेशमंत्री सर्जेई रिब्कोव का इशारा
मास्को – यूरोप में परमाणु हथियारों की तैनाती ना करने का प्रस्ताव नाटो ने ठुकराया तो रशिया भी यूरोप में परमाणु हथियार तैनात करेगी, यह इशारा उप-विदेशमंत्री सर्जेई रिब्कोव ने दिया है| नाटो ने बीते महीने में सक्रिय की हुई ‘५६ आर्टिलरी कमांड’ और पिछले कुछ दिनों से हो रहे बयानों से नाटो यूरोप में परमाणु हथियार तैनात करने की तैयारी की कोशिश में होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं, यह दावा भी रिब्कोव ने इस दौरान किया| रशिया ने यूक्रैन के प्रति आक्रामक भूमिका अपनाई है और इन देशों में नाटो की तैनाती ‘रेड लाईन’ होगी, यह इशारा पहले ही दिया है|
‘यूक्रैन से जुड़ा तनाव खत्म करने की मंशा होती हो तो पश्चिमी देशों को रशिया की सुरक्षा की गारंटी देनी पड़ेगी| यूरोप में मध्यम दूरी के परमाणु हथियार तैनात करने पर पाबंदी भी इसी का हिस्सा है| पश्चिमी देश इस प्रस्ताव में शामिल नहीं हुए तो रशिया कार्रवाई करने के लिए मज़बूर होगी| रशिया सैन्य स्तर पर परमाणु हथियार तैनात करके प्रत्युत्तर देगी’, यह इशारा उप-विदेशमंत्री सर्जेई रिब्कोव ने दिया| पिछले कुछ दिनों से नाटो यूरोप में तैनाती करने के अप्रत्यक्ष संकेत दे रही है, इसी कारण रशिया ऐसा रवैया अपनाने के लिए मज़बूर है, यह इशारा भी रिब्कोव ने दिया|
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यूक्रैन पर गारंटी दें या बड़े संघर्ष का ख़तरा उठाएँ - रशिया की पश्चिमी देशों को चेतावनी
मास्को – नाटो की रशिया विरोधी गतिविधियों के लिए यूक्रैन अड्डा नहीं बनेगा, इसकी गारंटी दें, अन्यथा बड़े संघर्ष का ख़तरा उठाएँ, ऐसी सख्त चेतावनी रशिया के उप-विदेशमंत्री सर्जेई रिबकोव्ह ने दी| रशिया के प्रतिद्वंद्वी देश यह बात सुनेंगे, यही उम्मीद होने का बयान भी रिबकोव्ह ने किया हैं| लेकिन, अमरीका के साथ नाटो ने रशिया की यह मांग स्वीकारने से इन्कार किया है| अमरीका और ब्रिटेन समेत ‘जी ७’ देशों ने, यूक्रैन पर हमला करना यह रशिया की बड़ी गलती साबित हो सकती है, इसका फिर से अहसास कराया है| तभी यूक्रैन को नाटो की सदस्यता प्रदान करने संबंधित निर्णय ३० सदस्य देश करेंगे और अन्य कोई भी इसमें दखलअंदाज़ी नहीं कर सकेगा, ऐसा नाटो के प्रमुख ने सुनाया है|
रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रैन पर हमला करने की पूरी तैयारी रखी होेने की खबरें और दावें, बीते कुछ दिनों से जारी हो रहे हैं| दावे करनेवाले माध्यम एवं यंत्रणाओं ने, इसके साथ रशिया की सैनिकी गतिविधियों की जानकारी साझा करनेवाले फोटो जारी करने से इस क्षेत्र में तनाव बढ़ना शुरू हुआ है| इससे पहले २०१४ में भी रशिया ने इसी तरह सेना तैनाती बढ़ाकर यकायक हमला किया था, इसकी याद भी ताज़ा की जा रही है|
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रशिया की बढ़ती सैनिकी गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर अमरीका का फिनलैण्ड और ग्रीस के साथ रक्षा समझौता
वॉशिंग्टन/हेलसिंकी/अथेन्स – रशिया ने युरोप और करीबी क्षेत्र में सैनिकी गतिविधियॉं गतिमान की हैं और यूक्रैन के मुद्दे पर पश्चिमी देशों ने आक्रामक भूमिका अपनाई, तो युरोप की सुरक्षा के लिए खतरा होगा, यह इशारा भी दिया है| इस पृष्ठभूमि पर अमरीका ने, युरोपीय देशों की रक्षा क्षमता अधिक मज़बूत करने के लिए कदम उठाएँ हैं| फिनलैण्ड एवं ग्रीस के साथ रक्षा समझौता करने के लिए मंजुरी दी गई है| इन समझौतों के अनुसार फिनलैण्ड को ६४ ‘एफ-३५’ लड़ाकू विमान और ग्रीस को ४ नए युद्धपोत प्रदान होंगे|
फिनलैण्ड के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को अमरीका की ‘लॉकहिड मार्टिन’ कंपनी से ६४ ‘एफ-३५ लड़ाकू विमानों की खरीद करने का ऐलान किया| समझौते में रक्षा यंत्रणा एवं दुरुस्ती और रखरखाव के कान्ट्रैक्ट का भी समावेश है| इसके लिए ११ अरब डॉलर्स से भी अधिक लागत होगी, ऐसा फिनलैण्ड ने कहा| अमरीका से ‘एफ-३५’ जैसें ‘फिफ्थ जनरेशन जेटस्’ की खरीद करनेवाला फिनलैण्ड विश्व का १४ वां देश बना है| इनमें से पहला ‘एफ-३५’ विमान वर्ष २०२६ में फिनलैण्ड पहुँचेगा, यह जानकारी दी गई है|
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