रामनाम, राधानाम और सद्गुरु के नाम कलियुग में तारक हैं (The names of Ram, Radha and Sadguru-tattva are the Saviours in Kaliyug) - Aniruddha Bapu
परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने ५ फरवरी २००४ के हिंदी प्रवचन में ‘राम, राधा और सद्गुरु के नाम कलियुग में तारक हैं’ इस बारे में बताया।
बापू ने प्रवचन में कहा, ‘आज से हम जो राधानाम का अध्ययन शुरु करने वाले हैं, इस राधानाम की एक और खासियत है। राधानाम का सुमिरन करना चाहिए। राधानाम का ज्ञान, जितना हम समझ सकते हैं, बस वही हमारे लिए काफी है। राधानाम की खासियत मानी जाती है कि राधानाम का ज्ञान जहां दिया जा रहा होता है, वहॉ जाकर बैठने के बाद जितना उस मानव की समझ में आता है उतना उसके लिए पर्याप्त होता है। और कभी कभी बात ऐसी होती है कि राधानाम और विष्णुसहस्रनाम में बात एकही होती है कि सौ आदमी अगर बैठते हों तब भी एक अलग सुनता है, दूसरा और कुछ अलग सुनता है, तिसरा तो और भी कुछ अलग सुनता है। जो जिसके लिए आवश्यक है वह उसे दिया जाता है।’
बापू ने इलेक्ट्रीक के सर्किट का उदाहरण देकर समझाया - ‘जैसे एक सर्किट है, पॉझिटीव्ह और निगेटीव्ह। जब तक सर्कीट पूरा नहीं होता तब तक करंट प्रवाहित नहीं हो सकता। इसी तरह हर एक का सर्कीट उस व्यक्ति को पूरा करना होता है। हर एक का मॅग्नेट उसे ही संभालना होता है। तो यह जानना चाहिए कि चाहे रामनाम हो या राधानाम हो या गुरूनाम हो, ये मेरा तारणहार है। यह मेरी जायदाद, संपत्ति, धन है यह मानव पहले सोचता है, उसे नाम के प्रति यही आत्मीतयता रखनी चाहिए। अगर आप के मन में आया कि छह महिने रामनाम ले रहा हूं अब राधानाम लेने शुरू करता हूं, कोई प्रॉब्लेम नहीं। बेझिझक आप आरंभ कर सकते हैं। लेकिन रामनाम फायदा नहीं कर रहा है इसलिए राधानाम शुरू कर रहे हैं यह सोच उचित नहीं है। प्यार से नाम लेने की सोच हो तो कोई प्रॉब्लेम नहीं, लेकीन आप के मन में उनके प्रति जो प्यार है वही बदल जाएगा तो प्रॉब्लेम है। पूरे विश्वास के साथ ये नाम लेते रहो। राधानाम, रामनाम और सद्गुरूनाम इस विश्वकी इस कलीयुगकी तारक शक्तियां हैं, जो हमें प्राप्त हो रही हैं। उससे मुंह मोड नहीं लेना चाहिए। राम, राधा और सद्गुरु के नाम कलियुग में तारक हैं, इसके बारे में हमारे सद्गुरु अनिरुद्ध बापू ने प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडिओ में देख सकते हैं।
॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥