ईरान मसले पर तनाव बढा
अमरिका के प्रतिबंधों का निषेध करने के लिए ईरान रशिया से संवर्धित युरेनियम प्राप्त करेगा – ईरान के परमाणु ऊर्जा के संगठन के उपप्रमुख की घोषणा
तेहरान/मॉस्को – अमरिका ने लगाए कठोर प्रतिबंधों का निषेध करने के लिए ईरान ने परमाणु कार्यक्रम की गति बढाने के लिए कदम उठाए हैं। इसके लिए ईरान ने रशिया को सौंपा हुआ संवर्धित युरेनियम का भंडार वापस लेने की घोषणा की है। ईरान ने संवर्धित युरेनियम का भंडार वापस पाकर परमाणु कार्यक्रम शुरू करना मतलब यूरोपीय देशों ने अभी तक जिन्दा रखे परमाणु अनुबंध का उल्लंघन करना है, ऐसा आरोप इस्राइली मीडिया ने किया है। उधर ईरान का कहना है कि उनकी इस कार्रवाई के लिए अमरिका जिम्मेदार है।
अमरिका परमाणु अनुबंध से पीछे हट गया है, लेकिन रशिया और यूरोपीय देशों ने इस अनुबंध का पालन करने का आश्वासन दिया था। साथ ही अमरिका पीछे हटने के बाद भी ईरान इस अनुबंध का उल्लंघन न करे, ऐसा कहकर रशिया, जर्मनी, फ़्रांस, ब्रिटन और चीन इन देशों ने ईरान को आश्वस्त किया था। लेकिन इस परमाणु अनुबंध के अनुसार ईरान ने रशिया को सौंपा संवर्धित युरेनियम का भंडार वापस लेने की तैयारी करके अपना समर्थन करने वाले देशों को झटका दिया है।
आगे पढे: http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/iran-will-receive-enhanced-uranium-from-russia/वॉशिंग्टन: जागतिक स्तर पर ईंधन का लगभग २० प्रतिशत परिवहन होर्मुझ के खाड़ी क्षेत्र से होता है। ऐसी परिस्थिति में ईरान ने इस सागरी क्षेत्र में भव्य युद्धाभ्यास का आयोजन करके उसे गतिरोध करने की तैयारी की है। यह ईरान ने अमरिका को दी चेतावनी है, ऐसा अमरिका के सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल जोसेफ वोटल ने सूचित किया है। इस युद्ध अभ्यास के साथ ईरान के इस क्षेत्र में गतिविधियों के पीछे ईरान के जनरल कासेम सुलेमानी होने का दावा जनरल वोटल ने किया है।
ईरान के ‘इस्लामिक रेवोलुशनरी गार्ड्स कॉप्स’ ने पिछले हफ्ते में होर्मुझ एवं पर्शियन खाड़ी क्षेत्र में भव्य नौदल अभ्यास का आयोजन किया था। स्वार्म ड्रिल के तौर पर पहचाने जानेवाले इस युद्धाभ्यास में १०० से अधिक गतिमान गनबोट्स और गश्ती नौका शामिल हुए थे। प्रतिवर्ष अक्टूबर-नवंबर महीने के कालखंड में ईरान से इस युद्धाभ्यास का आयोजन किया जाता है। पर अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान पर प्रतिबंध जारी करने के बारे में दिए धमकी की पृष्ठभूमि पर इस वर्ष नौदल युद्धाभ्यास समय से पहले आयोजित किया गया था।
आगे पढे: http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/huge-iranian-war-exercise-in-the-hormuz-strait/ साउथ चाइना सी क्षेत्र में चीन के दावेदारी को चुनौती देकर जापान एवं व्हिएतनाम का ईंधन सहयोग करारहनोई – व्हिएतनाम के सरकारी ईंधन कंपनी ने जापान के दो कंपनियों के साथ ईंधन निर्यात का करार किया है। चीन हक बता रहे साउथ चाइना सी क्षेत्र में ‘नाइन डैश लाइन’ के पास सागरी क्षेत्र में ईंधन प्रदान करने की बात व्हिएतनाम ने मंजूर की है। इसकी वजह से व्हिएतनाम और जापान में हुए इस करार पर इस क्षेत्र में अपने अधिकार दिखाने का दावा करने वाले चीन से प्रतिक्रिया अपेक्षित है।
पेट्रो व्हिएतनाम इस कंपनी ने जापान के इदेमित्सू कोसान और तेईकोकू ऑइल इन दो कंपनियों के साथ यह करार किया है। इस करार के अनुसार व्हिएतनाम के सागर किनारे से ३०० किलोमीटर अंतर पर होने वाले सागरी क्षेत्र में इंधन गैस भंडार का उत्खनन करके वह जापान को प्रदान किया जाएगा। आने वाले कुछ महीनों में इस क्षेत्र के ईंधन का उत्खनन शुरू होगा, ऐसा दावा किया जा रहा है।
जापान की कंपनियों के साथ हुए इस करार की वजह से व्हिएतनाम के ऊर्जा क्षेत्र को बहुत बड़ा लाभ होगा, ऐसी घोषणा पेट्रो व्हिएतनाम इस कंपनी ने की है। पिछले कई महीनों से साउथ चाइना सी में व्हिएतनाम से शुरू होने वाले ईंधन उत्खनन का विरोध करके चीन ने व्हिएतनामी जहाजों पर कार्रवाई की थी।
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