सुन्दरकाण्ड पाठ, पूजन एवं अभिषेक (Sunderkand Paath) - Aniruddha Bapu
परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने ०३ मार्च २०१६ के पितृवचनम् में श्रीहरिगुरुग्राम में १७ मई २०१६ से २१ मई २०१६ तक होनेवाले सुन्दरकाण्ड पाठ के बारे में जानकारी दी।
१७ मई २०१६ से २१ मई २०१६ तक ५ दिन यहां श्री हरिगुरुग्राम में सुबह ९ बजे से शाम को ७ बजे तक पूरे के पूरे वैदिक पध्दति से उपाध्याय गणों के द्वारा यहां सुन्दरकाण्ड का पठण, पूजन और अभिषेक होगा। हम लोग आकर सुबह से पूरा दिन बैठ सकते हैं, आधा दिन बैठ सकते हैं, एक पूरा पाठ बैठ सकते हैं। ये सुन्दरकाण्ड संत श्री तुलसीदासजी का जो है, ये ऎसा प्रभावशाली है कि वही bridge बांधता है। हनुमानजी का यह चरित्र है। मैने बार बार कहा, २००३ से मैं बताते आया हूं सुन्दरकाण्ड के बारे में, जब हमने पब्लिश किया २००३ में कि रामायण में वाल्मिकी रामायण और तुलसीरामायण ये आधारभूत ग्रंथ हैं, मूल ग्रंथ हैं। वहां रामराज्य अभिषेक के बाद कुछ स्टोरी है ही नहीं । वाल्मिकीजी और तुलसीदासजी ने जो लिखा ही नहीं है वह कैसा हो सकता है।
वाल्मिकी रामायण और तुलसीरामायण मे एक एक काण्ड किए गए है और हर एक काण्ड को एक एक नाम है, उसमें होनेवाली क्रिया के अनुसार। जैसे बालकाण्ड है, अरण्यकाण्ड है, युध्दकाण्ड है। इनके बीच वाले काण्ड को सुन्दरकाण्ड कहते है। यहां से हनुमानजी ने जो छलांग मार कर jump मारने का निश्चय किया वहां जाकर उतरे और जो भी किया, जो करना था वो काम किया और वापस आ गये। ये सारा प्रवास ये सब से बडी तीर्थयात्रा है और ये हमें करनी है, हनुमानजी के साथ।
हनुमानजी यानी महाप्राण। हमारे शरीर में भी सब कुछ करानेवाली शक्ति कौन है, तो महाप्राण है। महाप्राण की शक्ति है, इसके हर एक अक्षर में एक एक मातृका में सारी की सारी power totally भरी हुई है। अर्थ भी हमने हिंदी मे translate किया है। हम अर्थ जानते है तो भी अच्छा है और नहीं जानते हैं तो भी अच्छा है। क्योंकि हनुमानजी की कथा हम सब लोग भी जानते हैं। थोडा थोडा हम जानते ही हैं। हम अपनी पुस्तिका लाकर साथ में पढ सकते है। लेकिन बडी भक्ति के साथ, बडे प्यार के साथ ये ५ दिन कम से कम १ दिन तो आकर सुनने की और साथ पढने की कोशिश जरुर किजिए। क्योंकि इसी से हनुमानजी की vibrations हम में प्रवाहित होनेवाली है। सभी लोगों के भविष्य की चिंताओं को दूर करने के लिए, उनपर होनेवाले प्रभावों को हटाने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, उन्हें शक्ति प्रदान करें इसीलिए और हमारा भविष्य हैं, जो हमारे बच्चे हैं, उनकी रक्षा के लिए।