यूक्रेन के मसले पर रूस की आक्रामकता बढ़ी
रशिया कभी भी यूक्रैन पर हमला कर सकती है - अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन का इशारा
किव्ह/मास्को – रशिया अगले कुछ ही दिनों में कभी भी यूक्रैन पर हमला कर सकती है, यह इशारा अमरीका के विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने दिया है। रशिया के सामने मतभेद दूर करने के लिए राजनीतिक चर्चा का विकल्पा मौजूद है, यह दावा भी ब्लिंकन ने किया। विदेशमंत्री ब्लिंकन फिलहाल यूक्रैन के दौरे पर हैं और इस दौरान उन्होंने यूक्रैन को २० करोड़ डॉलर्स की अतिरिक्त रक्षा सहायता का ऐलान किया। दो दिन पहले ही अमरीका का द्विपक्षीय संसदिय शिष्टमंड़ल यूक्रैन दौरे पर आया था। इसी बीच, नाटो ने यूक्रैन के मुद्दे पर फिर से रशिया से चर्चा करने की तैयारी दर्शायी है।
रशिया ने यूक्रैन की सीमा पर एक लाख से अधिक सैनिकों की तैनाती की है और इसके साथ प्रगत मिसाइल यंत्रणा, टैंक और बख्तरबंद गाड़ियों की भी तैनाती की है। यूक्रैन पर हमला करने की तैयारी रशिया जुटा रही है और जनवरी के अन्त में या फ़रवरी में हमला करेगी, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर पश्चिमी देशों की रशिया पर दबाव बढ़ाने की कोशिश भी जारी है। इसी के एक हिस्से के तौर पर अमरीका के विदेशमंत्री बुधवार को यूक्रैन में दाखिल हुए।
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यूक्रैन में नाटो की जारी आक्रामक हरकतें रशिया के लिए ‘रेड लाईन’ – रशिया के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव
मास्को – नाटो का एक के बाद एक यूक्रैन में हो रहे आक्रमण रशिया के लिए ‘रेड लाईन’ है और नाटो की इन हरकतों को ‘काऊंटर ऐक्शन्स’ के स्वरूप में प्रत्युत्तर दिया जाएगा, ऐसा इशारा रशिया के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव ने दिया है। इस इशारे के बाद कुछ ही घंटों में रशिया का सैन्य बल नए युद्धाभ्यास के लिए बेलारुस में दाखिल होने की बात स्पष्ट हुई है। इसी बीच, ब्रिटेन ने यूक्रैन के लिए ‘एण्टी टैंक सिस्टम’ रवाना किए हैं। कनाड़ा ने भी अपने ‘स्पेशल फोर्सस’ का दल यूक्रैन में तैनात करने का ऐलान किया है। अमरीका का संसदीय शिष्टमंड़ल यूक्रैन में दाखिल होने का वृत्त है।
यूक्रैन के मुद्दे पर रशिया और पश्चिमी देशों के बीच पिछले कुछ हफ्तों में राजनीतिक बातचीत असफल रही है। इसके बाद दोनों ओर से जोरदार गतिविधियाँ जारी हैं और रोज़ाना जुबानी मुठभेड़ हो रही है। कुछ दिन पहले रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लैवरोव ने पश्चिमी देशों को दिए प्रस्ताव पर रशिया ज्यादा समय तक प्रतिक्षा नहीं करेगी, यह इशारा भी दिया था। इसके बाद अब रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव ने भी ‘काऊंटर ऐक्शन’ का इशारा दिया।
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क्युबा और वेनेजुएला में रशिया सैन्य तैनाती कर सकती है – उप-विदेशमंत्री सर्जेई रिब्कोव का इशारा
मास्को/वॉशिंग्टन – अमरीका और मित्रदेशों ने रशिया की सीमा के करीब शुरू की हुई सैन्य गतिविधियाँ रोकी नहीं गईं तो रशिया भी लैटिन अमरीका के क्युबा एवं वेनेजुएला में सैन्य तैनाती कर सकती है, ऐसा इशारा रशिया के उप-विदेशमंत्री सर्जेई रिब्कोव ने दिया है। पिछले महीने रिब्कोव ने यूक्रैन के मुद्दे पर निर्माण हुए तनाव की तुलना ‘क्युबन मिसाइल क्राईसिस’ से की थी। इस पृष्ठभूमि पर क्युबा और वेनेजुएला में सैन्य तैनाती को लेकर किया बयान ध्यान आकर्षित कर रहा है।
रशिया ने यूक्रैन की सीमा के करीब की हुई सैन्य तैनाती के मुद्दे पर तनाव बढ़ना शुरू हुआ है। पिछले चार दिनों में रशिया और पश्चिमी देशों की हुई तीन बैठकों से कोई भी पुख्ता हल नहीं निकला है। इन बैठकों में अमरीका के साथ अन्य पश्चिमी देशों ने रशिया की माँगे ठुकराने की बात कही जा रही है। इसके बाद उप-विदेशमंत्री सर्जेई रिब्कोव ने यूक्रैन के मुद्दे की चर्चा का ‘डेड एन्ड’ आने की प्रतिक्रिया दर्ज़ की थी। इसके बाद लैटिन अमरीका में तैनाती करने का बयान सामने आया है।
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यूक्रैन पर हुए सायबर हमले के पीछे रशिया का हाथ होने के संकेत - ७० से अधिक वेबसाईटस् का नुकसान
किव/मास्को – शुक्रवार को यूक्रैन पर बड़ा सायबर हमला होने की बात स्पष्ट हुई। इस सायबर हमले से यूक्रैन की सरकार से जुड़ी लगभग ७० वेबसाईटस् को नुकसान पहुँचा है और इस पर पोलिश एवं रशियन भाषाओं में संदेश जारी किए गए हैं। इसके पीछे रशिया का हाथ होगा, यह दावा यूक्रैन के वरिष्ठ अधिकारियों ने किया है। लेकिन, इसकी पुष्टी नहीं की गई है। इससे पहले वर्ष २०१५ और २०१७ में रशिया ने यूक्रैन पर बड़े सायबर हमलें करने की बात स्पष्ट हुई थी।
शुक्रवार को यूक्रैन के विदेश मंत्रालय के साथ अलग-अलग दूतावासों की वेबसाईटस्, सिक्युरिटी ऐण्ड डिफेन्स कौन्सिल एवं शिक्षा विभाग और आपातकाल विभाग की वेबसाईटस् को लक्ष्य किया गया। इनमें से कुछ वेबसाईटस् पर रशियन और पोलिश भाषाओं में संदेश जारी किए गए हैं। इनमें वेबसाईटस् पर दर्ज़ यूक्रैन के नागरिकों की जानकारी प्राप्त की गई है और इसे सार्वजनिक करने का इशारा दिया गया है। यूक्रैन की सुरक्षा यंत्रणा और सायबर यंत्रणाओं ने यह दावा ठुकराया है। किसी भी तरह की संवेदनशील जानकारी इस हमले में चोरी ना होने की बात यूक्रैन ने कही है।
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