अफगानिस्तान के तालिबानी हुकूमत पर बढ़ता दबाव
अफ़गानिस्तान में विश्वासघात करनेवाले पाकिस्तान पर अमरीका ने उठाई कुल्हाड़ी – सिनेट में पाकिस्तान विरोधी विधेयक पेश
वॉशिंग्टन – अमरिकी सिनेट में, तालिबान के साथ पाकिस्तान पर भी सख्त कार्रवाई करने का प्रावधान करनेवाला विधेयक पेश किया गया है। करीबन २२ सिनेटर्स ने यह विधेयक पेश किया है और जल्द ही इसपर निर्णय होने की उम्मीद है। तालिबान पर प्रतिबंधों लगाने के साथ ही, आज तक तालिबान का समर्थन कर रहें पाकिस्तान पर भी सख्त प्रतिबंध लगाने के प्रावधान के साथ पेश किए गए इस विधेयक का असर भी सामने आने लगा है। इससे संबंधित खबर प्राप्त होने के बाद पाकिस्तान के शेअर बाज़ार और रुपये के मूल्य में गिरावट हुई। यह कार्रवाई अनावश्यक और अमरीका-पाकिस्तान संबंधों के लिए लाभदायी ना होने की प्रतिक्रिया पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने दर्ज़ की है।
अफ़गानिस्तान में बीते दो दशकों में आतंकवाद विरोधी युद्ध करनेवाली अमरीका का पाकिस्तान ने विश्वासघात किया। एक ओर अमरीका की सहायता करने का दिखावा करके अरबों डॉलर्स की सहायता एठनेवाले पाकिस्तान ने गुप्त पद्धती से तालिबान की सहायता की। अधिक पढिये : http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/us-lashes-out-pakistan-betraying-afghanistan/ तालिबान के विरोध में खड़े नेताओं द्वारा अफगानिस्तान की निर्वासन सरकार की घोषणाकाबुल – तालिबान के आतंकवादियों ने काबुल पर कब्ज़ा करने के बाद भूमिगत हुए अफगानी नेताओं ने निर्वासन सरकार की घोषणा की है। पूर्व उपराष्ट्राध्यक्ष अमरूल्ला सालेह यह इस निर्वासन सरकार के प्रमुख होंगे, ऐसा ‘इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगाणिस्तान’ इस अफगान सरकार के स्विट्जरलैंड स्थित दूतावास ने घोषित किया। अब तक किसी भी देश ने तालिबान को मान्यता नाड़ी होने के कारण, सालेह की इस निर्वासन सरकार को अगर अन्तर्राष्ट्रीय समर्थन मिला, तो वह तालिबान के सामने खड़ी सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
तालिबान ने अफगानिस्तान की अपनी हुकूमत को ‘इस्लामिक अॅमिराट ऑफ अफगानिस्तान’ घोषित किया है। लेकिन तालिबान की इस हुकूमत को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं मिली है। दो दिन पहले संयुक्त राष्ट्र संगठन ने भी, आम सभा में तालिबान को अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व देना टाला था। हररोज़ तालिबान की वक़ालत करनेवाले पाकिस्तान और चीन ने भी तालिबान को अधिकृत मान्यता नहीं दी है।
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अमरीका फिर से हमले करेगी, इसे तालिबान याद रखे – अमरिकी रक्षा मंत्रालय का इशारावॉशिंग्टन – ‘अफ़गानिस्तान में आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के तहत फिर से हवाई हमले करने का पूरा अधिकार अमरीका को है और अमरीका इसका पूरा इस्तेमाल करेगी, ऐसी सख्त चेतावनी अमरिकी रक्षा मंत्रालय ने दी है। अमरीका के लोकप्रतिनिधि, मौजूदा एवं पूर्व लष्करी एवं गुप्तचर अफसरों ने तालिबान की आतंकी नीति की वजह से अमरीका फिर से असुरक्षित होने की चिंता जताई थी। इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी रक्षा मंत्रालय की यह चेतावनी ध्यान आकर्षित करती है। कुछ दिन पहले अमरिकी सिनेटर लिंड़से ग्रैहम ने अमरीका को अफ़गानिस्तान में फिर से सेना की तैनाती करनी पड़ेगी, यह इशारा दिया था। बीते कुछ दिनों से अफ़गानिस्तान में आयएस और अल कायदा जैसे आतंकी संगठनों की गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। तालिबान ने अफ़गानिस्तान में आयएस के प्रभाव से इन्कार करने की कोशिश की। लेकिन, आयएस के आतंकियों ने अफ़गानिस्तान के जलालाबाद शहर में लगातार चार दिन बम विस्फोट करके तालिबान के आतंकियों को लक्ष्य किया।
अधिक पढिये : https://worldwarthird.com/index.php/2021/09/26/taliban-should-keep-in-mind-that-the-us-will-launch-another-attack-hindi/ अफगानिस्तान की जनता से तालिबान के कट्टरवाद के विरोध में प्रतिक्रिया आने लगी – लगभग ७० प्राध्यापक और सह-प्राध्यापकों के इस्तीफेकाबुल – काबुल युनिवर्सिटी के उच्चशिक्षित कुलगुरु को हटाकर, उनके स्थान पर कट्टरपंथी की नियुक्ति करनेवाले तालिबान को झटका लगा है। इसका निषेध करके काबुल युनिवर्सिटी के लगभग ७० प्राध्यापक और सह-प्राध्यापकों ने इस्तीफे दिए। इतना ही नहीं बल्कि, लड़कियों को शिक्षा नकारनेवाले तालिबान ने अब संगीत को निषिद्ध बताकर, जासूसी करनेवाले पत्रकारों की हत्या वैध होने का यकीन दिलाया है। इसकी गूंजें अफगानिस्तान समेत दुनियाभर से सुनाई दे रही हैं।
कुछ दिन पहले तालिबान ने अफगानी लड़कियों को शिक्षा नकारी थी। युनिवर्सिटी और स्कूलों में लड़कियाँ तालिबान की मान्यता के अनुसार शिक्षा अर्जित करें, बुर्का पहनें, ऐसा फरमान तालिबान ने जारी किया था। काबुल युनिवर्सिटी की छात्राओं ने इन नियमों का स्वीकार किया होने के दावे करके, उसके फोटोग्राफ तालिबान ने जारी किए थे। लेकिन तालिबान के ही आतंकवादियों ने, बंदूक की नोक पर बुर्का पहनने की जबरदस्ती की, ऐसा इन छात्राओं ने बताकर तालिबान का असली चेहरा सामने लाया था। अब तालिबान ने काबुल यूनिवर्सिटी के मुख्य कुलगुरु मुहम्मद ओस्मान बाबुरी को सेवा से निष्कासित कर दिया है। उच्च शिक्षित होने वाले बाबुरी पर की हुई कार्रवाई का कारण तालिबान ने नहीं दिया है।
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