ऑनलाईन हिन्दी eWeekly (e साप्ताहिक) का शुभारंभ
आप यह जानते ही होंगे कि दत्तगुरु पब्लिकेशन्स के द्वारा कृपासिन्धु यह मासिक पत्रिका मराठी, हिन्दी, गुजराती एवं अंग्रेजी इन चार भाषाओं में प्रकाशित की जाती है। अब दत्तगुरु पब्लिकेशन्स प्रत्यक्ष को eWeekly स्वरूप में प्रकाशित करने जा रहा है और यह प्रकाशन लोटस पब्लिकेशन्स प्रायव्हेट लिमिटेड की सहायता से हो रहा है।
सभी श्रद्धावान जानते हैं कि दैनिक 'प्रत्यक्ष' का यह नौवाँ वर्ष चल रहा है। यह समाचारपत्र मुख्य रूप से मराठी में छपता है और यह 'बगैर राजनीतिक दैनिक' केवल समाचार ही नहीं देता, बल्कि यह विशेष रूप से पाठकों को शिक्षा (educate) भी प्रदान करता है।
देश-विदेश के श्रद्धावानों के द्वारा 'प्रत्यक्ष' से जुड़ने की मांग लगातार रखी जा रही थी। इसलिए मैंने संस्था के २०१३ के अधिवेशन में यह मुद्दा प्रस्तुत किया था कि हम जल्द ही प्रत्यक्ष जैसा एक हिन्दी ई-साप्ताहिक के स्वरूप में प्रकाशित करने जा रहे हैं।
आपको यह जानकार बड़ी ख़ुशी होगी कि इस समाचारपत्र का शुभारम्भ श्रीमहाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर गुरुवार, दिनांक २७ फरवरी २०१४ से हो रहा है। इस ई-साप्ताहिक का नाम क्या होगा, यह जानने के लिए आपको प्रकाशन के दिन तक इंतजार करना होगा।
सद्गुरु बापू ने अपने प्रवचनों में कई बार समझाया है- ’शिवं ज्ञानोपदेष्टारं’ अर्थात् शिव ज्ञान का उपदेश करते हैं। ज्ञान का अभाव यानी अनुभवजन्य जानकारी का न रहना (अज्ञान) ही अंधेरा है और अंधेरे में ही घात होता है। आज के तकनीक एवं विज्ञान के युग में तो प्रत्येक के लिए सज्ञान रहना आवश्यक बन गया है। ज्ञान का उपदेश करनेवाला सद्गुरुतत्त्व ही प्रकाश से हमारा जीवन भर देता है और हमें विकास के पर से आगे ले जाता है। अत एव उस ज्ञानोपदेष्टा सद्गुरुतत्त्व को वन्दन करते हुए हिन्दी ई-साप्ताहिक का शुभारम्भ श्रीमहाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर हो रहा है।
यह समाचारपत्र हर शुक्रवार की शाम को प्रकाशित होगा। इस माध्यम से परमपूज्य बापू के विचार सभी श्रद्धावानों तक अविलम्ब और ठेंठ पहुंचेंगे। सारांश, इस माध्यम से परमपूज्य बापू सभी श्रद्धावनों से मिलेंगे।
इस में निम्नलिखित लेखशृंखलायें (प्रारंभ से) आदि महत्त्वपूर्ण एवं रुचिपूर्ण समाचार आप तक पहुँचाने का हमारा प्रयास रहेगा:-
१. परमपूज्य बापू के द्वारा लिखी गयी अग्रलेखशृंखला - 'तुलसीपत्र' यह अग्रलेखमाला २. अंतरराष्ट्रीय घटनाएं, समाचार एवं विश्लेषण ३. डॉ. योगीन्द्रसिंह लिखित श्रीसाईसच्चरित विश्लेषण ४. 'नेताजी' पर आधारित लेखशृंखला ५. डॉ. विशाखावीरा लिखित पर्यटन स्थलों की जानकारी ६. अंग्रेजी शब्द में छुपे हुए शब्द खोजना ७. जप लिखना, ध्यान चित्र एवं दर्शन चित्र (पाठकगण जप लिखने तथा चित्र रंगने के लिए प्रिंट आउट ले सकते हैं) ८. दो चित्रों में फ़र्क ढूँढना ९. स्वास्थ्यविषयक जानकारी देनेवालीं आयुर्वेद, होमियोपैथी और अन्य उपचारात्मक पद्धतियों पर आधारित लेखशृंखलायें - ’देहग्राम’ १०. विज्ञान तथा इतिहास पर आधारित लेख आदि।
यह प्रकाशन www.aanjaneyapublications.com पर उपलब्ध किया जा रहा है। यह 'ई-साप्ताहिक' लगभग १६ से २० पन्नों का होगा। इसकी विस्तृत जानकारी गुरुवार दिनांक २७ फरवरी २०१४ से www.aanjaneyapublications.com पर उपलब्ध होगी।
वास्तव में यह समाचारपत्र सभी श्रद्धावानों के लिए उपयुक्त साबित होगा, क्योंकि हम दुनिया के चाहे किसी भी कोने में क्यों न हों, अपने घर पर हों या कार्यालय में, यात्रा कर रहे हों या एक स्थान पर बैठे हों, हमारी मातृभाषा चाहे जो भी हो, हम अपने फोन, लैपटॉप, टॅबलेट आदि के माध्यम से इस eWeekly से जुड़े रह सकते हैं अर्थात् परमपूज्य बापू से जुड़े रह सकते हैं।
ll हरि: ॐ ll
ll श्रीराम ll
ll अंबज्ञll