कर्जो का महासागर
कर्ज न चुकाने के कारण आम आदमी को बहोतसी तकलीफें उठानी पडती है। कर्ज चाहे कितनाही छोटा या बडा हो, सामान्य किसान अकाल के कारण उसका बोझ उठा नहीं पाता। कभी कबार एक लाख के कर्जे के लिए किसानोंको पाच-दस लाखकी जमीन गिरवी रखनी पडती है और अगर वह किसान उस कर्जे की किश्तीया नहीं भर पाया तो उसकी जमीन जप्त हो जाती है। इस कर्जे के कारण कई किसानोंको खुदकुशी करनी पडी है।

लेकीन बडे लंबे समय से चलनेवाली विजय मल्ल्याकी ’किंगफिशर एअरलाइन्स की खबरे सुनता हू तो ऐसे लगता है की ऐसी बडी बडी कंपनीयॊं के लिए अलग ही कायदे है। विजय मल्ल्या की किंगफिशर एअरलाइन्सने स्टेट बॅंक के नेतृत्व मे चलनेवाली १७ बॅंकोके मंडलसे करीब ७८०० करोड का कर्ज लिया था। लेकीन जनवरी २०१२ से मल्ल्याने उन बॅंकोको एक फुटी कौडी भी नही लौटाइ है। आपको पता ही होगा की हम जैसे आम आदमी जब अपना पैसा बॅंकोमें निवेश करते है तो उसी पैसेमेसे बॅक दुसरोंको कर्जा देती है। यानी के ये सब हम जैसे आम आदमी का ही पैसा है जो इस कंपनी ने डुबाया है। और हैरान करने वाली बात यह है की अब तक इस कंपनीपर या विजय मल्ल्या के इस तरतूदोंपर कोई ठोस कारवाई नहीं हुई है। जाहिर है की बॅंक के बडे अधिकारियों कि साँठ-गाँठ और राजकीय समर्थन बिना यह हो पाना संभव नहीं है।
पिछले सालही विजय मल्ल्याने अपना ६० वा जन्मदिन गोवा में बडी धूमधाम से मनाया। उसके बर्थ डे पार्टी पर कई कॉर्पोरेट और अर्थ जगत की जानी मानी हस्तियॉं मौजूद थी। करीब ३ दिन चली इस पार्टी पर करोडों का खर्च हुआ और इसी खर्चे पर बहुतसे अखबारोंमे सवाल भी उठाये गये। और अब बढते दबाव के कारण हालही में स्टेट बॅंकने विजय मल्ल्या को गिरफ्तार करने की और उनका पासपोर्ट रद्द करने की बिनती डी.आर.टी. (Debts Recovery Tribunal) को कियी है। अब देखना है इस बिनती पर आगे क्या कदम उठाये जाते है।


अधिक जानकारी के लिये: https://www.youtube.com/watch?v=gLjwcblqO50
विजय मल्ल्या यह एकमात्र उदाहरण ऐसा नहीं है की जिनपर कर्जा डुबाने के पश्चात भी अब तक कडी कारवाई नहीं हुई है। और ऐसी अनेक बडी हस्तियाँ होगी जिनके विरोध मे ठोस कदम नहीं उठाये गए है। अगर ऐसे कर्ज डुबाने वालोंका पैसा वापिस लेने का प्रयास किया गया तो वही पैसा गरिब किसान की पुनर्सुधार के लिए और देश के विकास के लिए उपयोग मे लाया जा सकता है।

॥हरि ॐ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥