भारत और चीन तनाव से जुडी खबरें
सेनाप्रमुख के लद्दाख दौरे द्वारा चीन को संदेश
लडाख – नए सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने लद्दाख के चीन से सटे सीमाभाग का दौरा करके यहाँ की सुरक्षा का जायज़ा लिया। कुछ ही दिन पहले सेना प्रमुख ने यह आरोप किया था कि चीन को सीमा विवाद का हल निकालने में दिलचस्पी नहीं है और सीमा विवाद को धधकता रखने की नीति चीन ने अपनाई है। उस पृष्ठभूमि पर, सेना प्रमुख की लद्दाख भेंट महत्वपूर्ण साबित होती है।
एलएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव कायम होने का निष्कर्ष अमरीका द्वारा लगातार दर्ज़ किया जा रहा है। इस तनाव का संघर्ष में रूपांतरण होने की संभावना नकारी नहीं जा सकती, ऐसी चेतावनी अमरीका के गुप्तचर विभाग से जुड़े अधिकारियों ने दी थी। लेकिन इन पर भरोसा न करते हुए लद्दाख तथा एलएसी के अन्य भागों में पूरी तरह सिद्धता रखी जा रही है, ऐसा यकीन भारतीय सेनाप्रमुख के साथ ही वायुसेना द्वारा भी दिलाया जा रहा है।
----------------------------------------------------------------------------------------------------भारत और चीन के संबंध तनावपूर्ण – अमरिकी गुप्तचर विभाग के अधिकारी का दावा
वॉशिंग्टन – भारत और चीन की सेनाओं में गलवान वैली में हुए संघर्ष के दो साल पूरे हो रहे हैं। फिर भी यहाँ का तनाव खत्म नहीं हुआ है, ऐसा अमरिकी गुप्तचर विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है। अमरिकी सीनेट की ‘आर्म्ड सर्व्हिसेस कमिटी’ के सामने हुई सुनवाई में, गुप्तचर विभाग के अधिकारियों ने यह निष्कर्ष दर्ज़ किया। इन दो परमाणुअस्त्रधारी देशों के बीच के संघर्ष के कारण अमेरिकन्स की जानें और अमरीका के हितसंबंध खतरे में पड़ सकते हैं, ऐसा कहकर, इस संघर्ष को टालने के लिए अमरीका की मध्यस्थता की आवश्यकता पड़ेगी, ऐसे बढाईखोर दावे अमरिकी अधिकारियों ने किए हैं।
युक्रेन का युद्ध भड़कने के बाद, रशिया के विरोध में जाने से इन्कार करनेवाले भारत पर अमरीका अलग-अलग मार्गों से दबाव डाल रही है। भारत को अगर अमरीका से सहयोग नहीं मिला, तो चीन उसका फ़ायदा उठाकर भारत की सीमा में सेना घुसाएगा और उस समय रशिया भारत का साथ नहीं देगा, ऐसी धमकियाँ अमरीका दे रही है। उसके बाद के समय में, चीन भारत की सीमा में घुसपैठ की तैयारी कर रहा है, ऐसी भारत को डराने की कोशिश करनेवाली रिपोर्ट अमरीका ने प्रकाशित की थी। उसी प्रकार अमरिकी सीनेट की आर्म्ड सर्व्हिसेस कमिटी के सामने ताज़ा सुनवाई में, भारत और चीन के तनाव का नए से जिक्र करके, दोनों देशों के बीच संघर्ष की संभावना जताई गई है। उसी के साथ, भारत के पाकिस्तान के साथ बने तनाव का भी उल्लेख इसमें किया गया है।
----------------------------------------------------------------------------------------------------सीमाविवाद को ज़िन्दा रखना चाहता है चीन – सेनाप्रमुख जनरल मनोज पांडे
नई दिल्ली – चीन को भारत के साथ बना सीमाविवाद सुलझाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उल्टा यह देश सीमाविवाद को ज़िन्दा रखना चाहता है, ऐसा नये सेनाप्रमुख जनरल मनोज पांडे ने डटकर कहा है। वहीं, एलएसी पर सन 2020 के अप्रैल महीने के पहले की स्थिति क़ायम रहें, ऐसी भारत की माँग है, इसकी याद लष्करप्रमुख ने करा दी। इसके लिए भारतीय सेना ने रणनीतिक दृष्टि से अहम स्थानों पर तैनाती की है, ऐसा बताकर जनरल पांडे ने यह सन्देश दिया कि चीन को दग़ाबाज़ी करने का मौक़ा नहीं दिया जायेगा।
लद्दाख की एलएसी पर निर्माण हुए तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन की सेनाओं के बीच चर्चा के 15 सत्र संपन्न हुए। लेकिन एक मर्यादा से आगे इस चर्चा को क़ामयाबी नहीं मिली है। ऐसे हालातों में सेनाप्रमुख जनरल पांडे ने यह जताया कि चीन को भारत के साथ बने सीमाविवाद को सुलझाने में दिलचस्पी नहीं है, बल्कि चीन सीमाविवाद को ज़िन्दा रखना चाहता है। पत्रकारों से संवाद करते समय सेनाप्रमुख ने चीन के हेतुओं पर खुलेआम शक़ ज़ाहिर किया। ऐसी स्थिति में सारे देश ने सीमाविवाद के मामले में एकजुट दिखाने की ज़रूरत है। वहीं, लष्करी स्तर पर, चीन को एलएसी पर यथास्थिति बदलने का मौका ना मिलें, इसके एहतियात बरतना अनिवार्य साबित होता है, ऐसा जनरल पांडे ने आगे कहा।
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