Sadguru Aniruddha Bapu

आप कभी भी अकेले नहीं हैं, त्रिविक्रम आपके साथ है

सद्‍गुरु श्री अनिरुद्ध ने ४ फरवरी २०१६ के प्रवचन में ‘आप कभी भी अकेले नहीं हैं, त्रिविक्रम आपके साथ है (You Are Never Alone, Trivikram Is With You)’ इस बारे में बताया।

 

आप बोलेंगे बापू किसकी भक्ति करें हम लोग? किसी भी, किसी भी रूप की भक्ति कीजिये। मैंने कभी नहीं कहा कि इसी की भक्ति करो। मैं इसे माँ चण्डिका, माँ जगदंबा बोलता हूँ, आप दूसरे किसी की उपासना कीजिये लेकिन पवित्र दैवत की उपासना कीजिये, अपवित्र दैवतों की नहीं।

किसी एक रूप को अपनाइये। श्रीमद्‍पुरूषार्थ ग्रंथराज के साथ तो काम बहोत आसान हो गया। एक माँ जगदंबा चण्डिका दुर्गा है, उसके एक बाजू में कौन बैठा है? दत्तात्रेयजी, दूसरे बाजू में हनुमानजी, आगे किरातरूद्रजी और माता शिवगंगागौरी और सामने देवीसिंह, त्रिविक्रम बस और ज्यादा जगह जाने कि जरूरत ही नहीं, वो भी फॅमीली हैं, जान लो।

अभी आप को एक सवाल पूछता हूँ, एक मिस्टर एक्स है, उसकी शादी मिस एक्स के साथ हो गयी यानी वो मिसेस एक्स बन गयी अभी। अभी मिसेस एक्स के सारे रिश्तेवाले उसके हो गये कि नहीं, मिस्टर एक्स के और मिस्टर एक्स के जो रिश्तेदार जो हैं वो मिसेस एक्स के हो गये ना। होते नहीं है वो बात छोड़ दो, लेकिन होना चाहिये तो। लेकिन भगवान के राज्य में तो अलग हैं, एक बार हम उस त्रिविक्रम के साथ जोड़ देते हैं खुद को, एक बात ध्यान में रखिये, एक बार उस श्रीराम के साथ; त्रिविक्रम का चित्र हमनें देखा हुआ है, श्रीराम, हनुमानजी और शिवजी राईट, उनका एकत्रीकरण यानी त्रिविक्रम है। त्रिविक्रम यानी जिसका मस्तक कौन हैं, दत्तात्रेयजी। जिसका हृदय कौन हैं, माँ दुर्गा हैं और जिसके कर्मेंद्रिय कौन चलाता है, हनुमानजी। राईट, ये त्रिविक्रम है।

एक बार त्रिविक्रम के साथ जुड़ जाओ, उसकी सारी फॅमीली आपकी हो गयी समझो। हम लोग बोलते हैं ना आजकल मैं बहोत बार सुनता हूँ, हमारा कोई नहीं हैं बापू, हमारा कोई नहीं हैं, हमारा कोई नहीं हैं। दादा के पास आते है, सुचितदादा के पास आकर हमेशा बोलते हैं, “दादा! आमचं कोण नाही हो, दादा! हमारा कोई भी नही हैं, दादा no one, I belong to no one, no relatives, no friend to me, I am just alone. कोई आवश्यकता नहीं है कहने की, अगर त्रिविक्रम तुम्हारा है तो उसके सारे भाई जो हैं, दत्तात्रेयजी, हनुमानजी और किरातरुद्रजी और उनकी माँ जो हैं चण्डिका, उनके जो दादाजी, नानाजी हैं दत्तगुरुजी, ये सभी आपके भी रिश्तेदार होंगे। आप एक बार त्रिविक्रम को डॅड बोल दो, सारे रिश्तेदार आपके हो गये, पर्मनंटली।

सो आज से कोई बोलेगा, मेरा कोई नहीं है इस दूनिया में? कभी नहीं बोलना। अगर त्रिविक्रम मेरा डॅड है, त्रिविक्रम मेरे पिताजी हैं तो ये सारे के सारे रिश्तेदार मेरे अपने हैं। जो पृथ्वी पर चलनेवाले रिश्तेदारों जैसे धोखा देने वाले नहीं है, राईट।

‘आप कभी भी अकेले नहीं हैं, त्रिविक्रम आपके साथ है’ इस बारे में हमारे सद्गुरु श्री अनिरुद्ध  ने प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडिओ में देख सकते हैं।

ll हरि: ॐ ll ll श्रीराम ll ll अंबज्ञ ll