माँ दुर्गा हमारी प्रार्थनाओं का उत्तर देती हैं

सद्‍गुरु श्री अनिरुद्धजी ने ३१ मार्च २०१६ के पितृवचनम् में ‘माँ दुर्गा हमारी प्रार्थनाओं का उत्तर देती हैं’ इस बारे में बताया।

मुझे अच्छा लगता है हमें, कोई भी सीधा ऐसा बैठा है, तो मुझे अ़च्छा नहीं लगता, वो काम करता रहे बस, बस, बस। I am myself workaholic and I want everyone be is workaholic absolutely. काम करते रहिए यार, शान से जियेंगे।

माँ दुर्गा , Mother Durga

So improve your english. ये अध्यात्मिक ही बात बोल रहा हूँ। बापू, आप प्रवचन करते हो अध्यात्म पर, हम लोग तो भगवान की बातें सुनने आये हैं। ‘काल’ ये भगवान के हात का एक इन्स्ट्रुमेंट है। सिर्फ इसी लिए ‘काल’ की बात करना ये भी अध्यात्म है, इंटरनेट सीखना ये भी अध्यात्म है, विज्ञान भी अध्यात्म है, क्योंकि ये विद्या है, ओके। वैसे हॅम-क्लब में शामिल होना ये भी अध्यात्म है, पास्कल्स प्रिन्सिपल भी अध्यात्म है, ओके। अध्यात्म यानी सिर्फ ताली वगाडना नहीं, ताली बज़ाना नहीं, सिर्फ टाळ्या वाजवणं, don't want clapping. Yes clapping is important, more than that let these hands work for yourself.

मैं बोलता हूँ थोड़े से स्वार्थी बन जाओ, become little more selfish towards you and pray to her, ‘Oh! You my Dear Mother!, Providence is your’s, please give me, where I am weak, the energy to work.’ माँ को बोलिए कि, ‘हे माँ! सब कुछ जो है, वो तू ही पूरा करती है, तू ही भेजती रहती है सब कुछ, तो जिस चीज़ में मेरी शक्ति कम पड़ रही है माँ, मुझे, मेरे लिए, हे दादी, तू please भेज़ दे। Dad, please, Dad please do it.’ ok, समझे? ये मैंने बोला, डॅड को प्लिज बोलने की ज़रूरत नहीं, क्या बोलना है? Dad I love you and I want little more energy, my energy stock is following less. बाबुजी, मेरी ताक़त थोड़ी कम पड़ रही है ऐसा लगता है, मुझे कभी-कभी, तो थोड़ी ताक़त भेज देना। मैं बहुत प्यार करता हूँ तुमसे बाबूजी, पिताजी, बहुत प्यार करता हूँ, ओके, करके देखिए ओके। You will pray and you will get it, नक्की... so, fire लग चुका है, ये फायर जलाने वाला फायर नहीं हैं, ये पवित्र अग्नि है, अध्यात्म का पवित्र अग्नि है, ओके। इससे यज्ञ ही उत्पन्न होगा, इससे कभी डिझास्टर उत्पन्न नहीं हो सकता।

‘माँ दुर्गा हमारी प्रार्थनाओं का उत्तर देती हैं’ इस बारे में हमारे सद्गुरु श्री अनिरुद्ध ने पितृवचनम् में बताया, जो आप इस व्हिडिओ में देख सकते हैं।   

|| हरि: ॐ || ||श्रीराम || || अंबज्ञ ||

॥ नाथसंविध् ॥