Sadguru Aniruddha Bapu

मणिपुर चक्र और रामनाम बही (Manipur Chakra And Ramnaam Book)

सद्‍गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने २० अप्रैल २०१७ के प्रवचन में ‘मणिपुर चक्र और रामनाम बही (Manipur Chakra And Ramnaam Book)’ इस बारे में बताया।

 

ये मणिपुर चक्र जो है, ये इन्सान के लिये, मूलाधार चक्र, स्वाधिष्ठान चक्र, मणिपुर चक्र, ये बहोत, बहोत, बहोत आवश्यक हैं, इनकी उपासना होनी चाहिए। इसका मतलब ये नहीं की अनाहत चक्र, विशुद्ध चक्र और आज्ञा चक्र कुछ काम के नहीं, हैं ही काम के, लेकिन बेसिक जीवन के लिये, बेसिक हमारा जीवन यानी क्या, ये सेहत अच्छी रहे एक, हमारी मन की सेहत अच्छी रहे, हम हमारा जो प्रपंच है, अच्छी तरीके से कर सके इसके लिये ये सिर्फ तीन चक्रों की आवश्यकता हैं। ओ.के।

और इसी लिये हर एक को इन तीन चक्रों की उपासना बहुत आवश्यक है, जो हम श्रीशब्दध्यानयोग में करते हैं। कभी कभी ऐसे हो पूरा ध्यान नहीं रहा, पूरा शब्दध्यानयोग शुरु हो गया हम किस विचार में खो गये लेकिन पूरा का पूरा खो जायेंगे तो? नहीं। तो श्रीशब्दध्यानयोग में कम से कम ये तीन चक्र जो हैं, इन पर पूरा ध्यान देना बहोत आवश्यक है, क्योंकि ये हमारे निजी जिंदगी से जुड़े हुए हैं। निजी जिंदगी से हमारे जुड़े हुए हैं, हमारी शरीर की, मन की और प्राणों की रक्षा करनेवाले हैं, ओ.के, समझ गये और ये जो मंत्र है ‘ॐ रं’ ये हम लोग सिर्फ ॐ रं, ॐ रं, कहेंगे तो भी चलेगा लेकिन इस से बहोत सुंदर चीज़ हमें मिल गयी है, क्या है? रामनाम।

जो रामनाम बही लिखता है, उसका मणिपूरचक्र हमेशा, हमेशा शुद्ध ही रहता है। ‘मणिपुर चक्र और रामनाम बही’ इस बारे में हमारे सद्गुरु श्री अनिरुद्ध ने प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडिओ में देख सकते हैं।

ll हरि: ॐ ll ll श्रीराम ll ll अंबज्ञ ll