महिषासुर शहादत दिन
सन २०१४ के अक्तूबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमरीका के दौरे पर गये थे। वह नवरात्रि का दौर था और प्रधानमंत्री मोदी नवरात्रि के दौरान अनशन रखते है, इसलिए अमरीका में दी गयी दावत में भारतीय प्रधानमंत्री के लिए विशेष व्यवस्था की गयी थी, इसकी जानकारी प्रसारमाध्यमों द्वारा दी जा रही थी। लेकिन इसके बाद ‘जेएनयू’ में ‘महिषासुर शहादत दिन’ यानी महिषासुर का बलिदान दिवस मनाया गया। महिषासुर यह बहुत ही शूर होते हुए, वह बहुजनों का प्रतिनिधि होने के दावे इस कार्यक्रम की पत्रिका में किये गये थे। वहीं, दुर्गामाता के बारे में इस पत्रक में घिनौने अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया था। आर्यों की प्रतिनिधि रहनेवाली दुर्गामाता ने महिषासुर का घात किया, ऐसा कहते हुए, नवरात्रि का उत्सव यानी वर्णविद्वेषी तथा वादग्रस्त कार्यक्रम है, ऐसा इस पत्रक में नमूद किया गया था।
