ईरान के परमाणु समझौते से संबंधित ताजा खबरें
अमरिका को छोड़कर अन्य देश ईरान परमाणु अनुबंध का पालन करेंगे – रशियन विदेश मंत्री का आश्वासन
व्हिएन्ना – ईरान के साथ हुए परमाणु अनुबंध का पालन करने के लिए अमरिका छोड़कर अन्य सभी देश और ईरान के बीच स्वतंत्र यंत्रणा निर्माण की जाएगी और सभी देश उसे लागू करेंगे, ऐसा आश्वासन रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव ने दिया है। गुरुवार को व्हिएन्ना में ईरान और ईरान परमाणु अनुबंध के अमरिका छोड़कर अन्य देशों की स्वतंत्र बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में अमरिका की आलोचना करते हुए सभी सहभागी देशों ने ईरान के साथ का व्यापार और अन्य प्रावधानों का पालन करने का निर्णय लिया है। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान को सहकार्य करने वाले देशों के खिलाफ प्रतिबन्ध लगाने की चेतावनी इससे पहले ही दी थी।
व्हिएन्ना में हुई बैठक में ईरान के साथ साथ रशिया, चीन, ब्रिटन, फ़्रांस, जर्मनी और यूरोपीय महासंघ के विदेश मंत्री उपस्थित थे। अमरिका ईरान के साथ के परमाणु अनुबंध से बाहर निकलने के बाद अन्य सभी देशों ने परमाणु अनुबन्ध कायम रखने के लिए जोरदार कोशिशें शुरू की हैं। आगे पढे: http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/other-countries-excluding-the-united-states-will-follow-the-iran-nuclear-agreement/
ईरान से होर्मूझ खाड़ी की सुरक्षा के लिए अमरिका तैयार – अमरिकी नौसेना के सेंट्रल कमांड की घोषणा
वॉशिंग्टन: ईरान का तेल निर्यात नहीं हो सकता, तो होर्मूझ की खाड़ी से अन्य किसी भी देश के तेल की यातायात नहीं होने देंगे, ऐसी धमकी ईरान ने दी थी| दुनिया भर से इस पर गुँज उठ रही है| अगर ईरान सच में होर्मूझ के खाड़ी में रोक लगाई तो तेल के दाम २५० डॉलर्स प्रति बॅरल तक जाएंगे, ऐसा डर कुछ लोगों ने जताया है| लेकिन अमरिका होर्मूझ खाड़ी की सुरक्षा के लिए तैयार है, ऐसी घोषणा कर अमरिका ने सभी को आश्वासन किया है|
अमरिकी नौसेना की ‘सेंट्रल कमांड’ जिनके पास पर्शियन खाड़ी से ओमान की खाड़ी, रेड सी और हिंदी महासागर तक की व्यापारी यातायात साथही हितसंबंधितों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, उन्होंने होर्मूझ खाड़ी की सुरक्षा की घोषणा की| अंतर्रराष्ट्रीय तेल व्यापार में से ३० प्रतिशत यातायात पर्शियन खाड़ी के होर्मूझ के खाड़ी से की जाती है| इस पृष्ठभूमी पर ‘अंतर्रराष्ट्रीय व्यापार और समुद्री यातायात के स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए अमरिका साथही अमरिका के दोस्त राष्ट्र तैयार है’, ऐसा अमरिकी नौसेना के सेंट्रल कमांड के प्रवक्ता कॅप्टन बिल अर्बन ने घोषित किया|
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ईरान के राष्ट्राध्यक्ष के आदेश पर – होर्मुझ के खाड़ी क्षेत्र में ईंधन परिवहन को रोकेंगे – ईरान के कुद्स कोर्स के जनरल सुलेमानी
तेहरान: अमरिका के प्रतिबंधों का झटका ईरान के ईंधन निर्यात को लग रहा है। पर अगर ईरान ने ईंधन दूसरे देशों तक नहीं पहुंचाना है, तो दूसरे देशों के ईंधन का परिवहन भी नहीं होने देंगे, ऐसा कहकर ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने होर्मुझ के खाड़ी क्षेत्र में ईंधन परिवहन रोकने की धमकी दी थी। यह धमकी वास्तव में लाने की हिम्मत हमारे पास है, ऐसा ईरान के कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी ने कहा है।
यूरोप के दौरे पर होनेवाले ईरान के राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने कुच घंटों पहले अमरिका को संबोधित करके यह धमकी दी थी। अमरिका ने ईरान के ईंधन की निर्यात रोककर उनका नुकसान करने का प्रयत्न किया, तो होर्मुझ की खाड़ी क्षेत्र अमरिका के अरब मित्र देशों के ईंधन निर्यात भी बंद होगी, ऐसी चेतावनी रोहानी ने दी थी। फिलहाल इराक और सीरिया में कार्यान्वित होनेवाले ईरान समर्थक गट का नेतृत्व करनेवाले सुलेमानी ने राष्ट्राध्यक्ष रोहानी की भूमिका का स्वागत किया है।
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यूरोपीय देश ईरान के साथ व्यापार करना रोक दें अन्यथा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के क्रोध का सामना करें – अमरिकन सिनेटर न्यूट गिंगरीच
पॅरिस – ‘अमरिका के यूरोपीय मित्र देश ईरान के साथ कर रहे व्यापारी सहकार्य तुरंत रोक दे और ईरान की खूनी राजवट को सत्ता से बेदखल करने के लिए अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की सहायता करें। अन्यथा यूरोपीय देश ट्रम्प के क्रोध का सामना करें’, ऐसी चेतावनी अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के समर्थक और वरिष्ठ सिनेट सदस्य न्यूट गिंगरीच ने दिया है।
पॅरिस में आयोजित किए गए ‘फ्री ईरान रैली’ में बोलते समय गिंगरीच ने यूरोपीय देशों को यह सन्देश दिया है। ईरान के साथ सहकार्य को लेकर ट्रम्प ने इसके पहले ही चीन को चेतावनी दी थी। यूरोपीय देश ट्रम्प की मांग के अनुसार ईरान के साथ के संबंध से बाज नहीं आए तो चीन के बाद यूरोपीय देशों पर ही ट्रम्प की कार्रवाई हो सकती है, ऐसा दावा गिंगरीच ने किया है।
उसीके साथ ही अमरिका की ईरान के साथ नीति बदल गई है, इसकी गिंगरीच ने याद दिलाई है। ‘दो सालों पहले ईरान की राजवट को पैसों की आपूर्ति करने वाले और ईरान विषयक आर्थिक प्रतिबन्ध शिथिल करने वाले अमरिकी प्रशासन में ईरान पर कार्रवाई करने का साहस नहीं था।
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