चीन के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय आक्रामक - 1

चीन की शिकारी राजनीतिक नीति के खिलाफ़ अमरीका और युरोप एकजूट करें – युरोपिय महासंघ के राजदूत निकोलस शापूई

बीजिंग/वॉशिंग्टन – ‘साऊथ चायना सी में चीन अपना रहे ‘वूल्फ वॉरियर डिप्लोमसी’ अर्थात् शिकारी राजनीतिक बीति के खिलाफ़ अमरीका और युरोपिय महासंघ ने एकसाथ आना आवश्यक है। साथ ही, ‘साऊथ चायना सी’ के इस क्षेत्र के देशों के साथ समन्वय बढ़ाकर चीन की ज़बरदस्ती रोकने के लिए प्रयास करने चाहिए’ ऐसा आवाहन युरोपिय महासंघ ने चीन के लिए नियुक्त किये राजदूत निकोलस शापूई ने किया। 

आगे पढे : http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/america-and-europe-unite-against-all-the-political-policy-of-china/

जर्मन प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी पर कब्ज़ा करने की चीन की कोशिश विफल की गई

बर्लिन/बीजिंग – जर्मनी के प्रौद्योगिकी क्षेत्र की शीर्ष कंपनी के तौर पर जानी जा रही ‘आयएमएसटी’ पर कब्ज़ा करने की चीन की कोशिश नाकाम की गई है। जर्मन सरकार ने इस कंपनी और उसकी तकनीक राष्ट्रीय सुरक्षा के नज़रिये से काफी संवेदनशील होने का दावा करके चीनी कंपनी का प्रस्ताव ठुकराया है। बीते तीन वर्षों में जर्मनी ने चीनी कंपनी से इन्कार करने का यह चौथा अवसर है। 

आगे पढे : http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/china-attempt-to-capture-a-german-technology-company-failed/

तानाशाही सेना ने तैवान को घेर लिया है – तैवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई इंग-वेन

तैपेई – ‘तानाशाही लष्कर सारे नियमों को पैरों तले कुचल कर हररोज़ तैवान की सार्वभूमता का उल्लंघन कर रहा है। ‘तैवान के चारों ओर भारी भरकम घेराबंदी करने की तैयारी शुरू होकर, यह सब कुछ दैनंदिन स्तर पर तैवान सह रहा है’ ऐसी तीखी आलोचना तैवान की राष्ट्रीय अध्यक्षा ‘त्साई इंग-वेन’ ने की। चीन का ठेंठ उल्लेख टालकर तैवान की राष्ट्राध्यक्षा ने की आलोचना यानी चीन की धमकियों को दिया जाने वाला प्रत्युत्तर साबित होता है।

आगे पढे : http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/dictatorial-army-has-surrounded-taiwan/

चीन की बढ़ती आक्रामकता के खिलाफ अमरीका और जापान का लष्करी युद्धाभ्यास

टोकियो/वॉशिंग्टन – ‘अमरीका और जापान ने शुरू किया हुआ युद्धाभ्यास ना की सीर्फ इन दो देशों की सेना को आत्मविश्‍वास देनेवाला हैं बल्कि इस क्षेत्र के हमारे सभी सहयोगी एवं साझेदार देशों को मज़बूत करनेवाला हैं। इस क्षेत्र में कोई भी बतौर शत्रु खड़ा हुआ तो सभी देश उसके खिलाख ड़टकर खड़े रहकर मुकाबला कर सकते हैं’, इन शब्दों में अमरीका के वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टनंट कर्नल नील बेरी ने जापान के साथ शुरू हुए लष्करी युद्धाभ्यास की जानकारी प्रदान की। 

आगे पढे : http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/usa-and-japan-lashkari-maneuvers-against-china-increasing-aggression/

चीन को रोकने के लिए अमरीका के ट्रम्प प्रशासन की कठोर निर्णयों की शृंखला – चीन की चार अग्रसर कंपनियाँ ‘ब्लॅकलिस्ट’

वॉशिंग्टन/बीजिंग – चीन द्वारा जागतिक वर्चस्व के लिए जारी क़ारनामों को रोकने के लिए अमरीका ने एक के बाद एक निर्णयों की शृंखला शुरू की है। दो दिन पहले अमरीका ने चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों को दिये जानेवाले वीज़ा पर निर्बंध थोंपे गये थे। उसके बाद अब चीन की चार अग्रसर कंपनियों को ‘ब्लॅकलिस्ट’ कर दिया है, ऐसा रक्षा विभाग द्वारा घोषित किया गया। 

आगे पढे : http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/series-of-harsh-decisions-by-trump-administration-of-america-to-stop-china/