वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का बढ़ता महत्व
'एनईपी’ की वजह से भारत महान आर्थिक शक्ति बनेगा – ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री का दावा
नई दिल्ली – साल 2035 में दुनिया में डिग्री प्राप्त करनेवाले प्रत्येक चार में से एक व्यक्ति भारतीय युनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त करेगा। भारत की ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ (नैशनल एज्युकेशन पॉलिसी-एनईपी) की वजह से बहुत जल्द यह देश महान आर्थिक महाशक्ति बनेगा, ऐसा दावा ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेअर ने किया। ‘एनईपी’ की वजह से भारत में काफी बदलाव होगा और इसकी वजह से भारत की युवा पीढी की कुशलता बढ़ेगी, यह विश्वास क्लेअर ने व्यक्त किया है। दिल्ली युनिवर्सिटी के व्यंकटेश्वरा कॉलेज और केंद्री विद्यालय द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री ने सराहना की।
ऑस्ट्रेलिया आज से 50 साल पहले काफी अलग था। शिक्षा क्षेत्र में प्रगति की वजह से ऑस्ट्रेलिया का विकास संभव हुआ। लेकिन, तब कई ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों ने दिल्ली युनिवर्सिटी से शिक्षा पाई थी, यह जानकारी शिक्षा मंत्री क्लेअर ने साझा की। साथ ही इस युनिवर्सिटी में शिक्षा पाने वाले ऑस्ट्रेलिया के कई नागरिक दुनियाभर में कमाल कर रहे हैं, इसका दाखिला भी उन्होंने दिया। यह जानकारी साझा करते हुए क्लेअर ने भारत की ‘एनईपी’ की तहेदिल से सराहना की।
प्रौद्योगिकी की वजह से विकसित भारत का ध्येय पाना मुमकिन होगा – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली – देश की आज़ादी के सौ वर्ष पूरे होने के साथ ही विकसित भारत बनाने का सपना तकनीक की वजह से साकार होगा, ऐसा विश्वास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्त किया है। तथा आम लोगों को परेशान करने वाली दस प्रमुख समस्याएं ५ जी, आर्टिफिशल इंटेलिजन्स जैसी प्रगत तकनीक से दूर करना मुमकिन होगा। उद्योग, औषधि निर्माण, शिक्षा और कृषि क्षेत्र पर इस प्रगत तकनीक का काफी बड़ा असर पडेगा, इस पर ध्यान आकर्षित करके इस तकनीक का मानवी इस्तेमाल देश को तेज़ी से प्रगति की राह पर बढ़ाएगा, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा है।
‘अनलिशिंग पोटेन्शिअल : युज़िंग टेक्नॉलॉजी टू मेक लाईफ इज़ियर’ नामक वेबिनार का आयोजन किया गया था। बजट पेश करने के बाद इसकी जानकारी और लाभ जनसामन्य तक पहुंचाने के लिए ‘पोस्ट बजट वेबिनार’ का आयोजन किया जा रहा है। मंगलवार को आयोजित किए गए इस वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने अगले २५ सालों के लिए देश के विकास का प्लान पेश किया। साल २०४७ में देश की आज़ादी के सौ वर्ष पूरे होंगे। इस अवसर पर भारत विकसित देश के रूप में सामने आए, यह ध्येय रखकर काम करने का संदेश प्रधानमंत्री ने दिया था। यह ध्येय तकनीक के ज़रिये पाया जा सकता है, ऐसा प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया।
यूरोपिय महासंघ और भारत का मुक्त व्यापारी समझौता ‘गेमचेंजर’ साबित होगा – विदेश मंत्री एस.जयशंकर
नई दिल्ली – यूरोपिय महासंघ और भारत का मुक्त व्यापारी समझौता ‘गेमचेंजर’ साबित होगा, ऐसा विश्वास विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने व्यक्त किया है। इस मुक्त व्यापारी समझौते की वजह से भारत और यूरोपिय महासंघ अपनी रणनीतिक स्वायत्तता अबाधित रखकर अति प्रगत तकनीक और सप्लाइ चेन के मोर्चे पर एक-दूसरे की काफी बड़ी सहायता कर पाएंगे, ऐसा विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा। दो दिन पहले भारत दौरे पर पहुंचे जर्मनी के चान्सलर ओलाफ शोल्झ ने भी भारत और यूरोपिय महासंघ के मुक्त व्यापारी समझौते के लिए हम पहल करेंगे, यह घोषित किया था।
मंगलवार को ‘कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री’ (सीआईआई) द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए जयशंकर ने महासंघ और भारत के मुक्त व्यापारी समझौते की अहमियत रेखांकित की। यह समझौता दोनों पक्षों के लिए बड़ा लाभकारी साबित होगा, यह विश्वास जयशंकर ने व्यक्त किया। इस व्यापारी सहयोग की वजह से भारत और यूरोपिय महासंघ अपनी रणनीतिक स्वायत्तता कायम रखकर अतिप्रगत प्रौद्योगिकी और सप्लाई चेन का सहयोग मज़बूत कर सकते हैं। यह हमारा ध्येय है और इसे पाने की दिशा में भारत और यूरोपिय महासंघ कदम बढ़ा रहे हैं ऐसा जयशंकर ने कहा।
पूरा विश्व भारत को विश्वासार्ह भागीदार के तौर पर देख रहा है – केंद्रीय व्यापार मंत्री पियूष गोयल
पुणे – मौजूदा समय में भारत के साथ मुक्त व्यापारी समझौते की चर्चा को ज्यादा गंभीरता से ना देखनेवाले देश बदले हैं। भारत यह विश्वासार्ह भागीदार देश होने का अहसास पाने के बाद यह देश भारत के साथ व्यापारी समझौता करने की चर्चा को काफी ज्यादा अहमियत दे रहे हैं, ऐसा दावा केंद्रीय व्यापार मंत्री पियुष गोयल ने किया। भारत की फिलहाल ब्रिटेन, यूरोपिय महासंघ, कनाड़ा और इस्रायल के साथ मुक्त व्यापारी समझौता करने की चर्चा शुरू है। साथ ही ‘गल्फ को-ऑपरेशन काऊन्सिल’ (जीसीसी) जैसी खाड़ी देशों की संगठन के साथ भी भारत मुक्त व्यापारी समझौते पर बातचीत शुरु हुई है। इस पृष्ठभूमि पर व्यापार मंत्री गोयल ने किया यह दावा ध्यान आकर्षित कर रहा है।
विश्वासार्ह भागीदारभारत दौरे पर दाखिल हुए जर्मनी के चान्सलर ओलाफ शोल्झ ने हमारे देश को भारत के साथ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग अधिक मज़बूत और व्यापक करना हैं, यह घोषित किया था। जर्मनी की १,८०० कंपनियां भारत में कार्यरत हैं और भारतीय नागरिकों की क्षमता और कुशलता का लाभ जर्मनी को भी उठाना हैं, ऐसा दावा चान्सलर शोल्झ ने किया था। साथ ही भारत और यूरोपिय महासंघ जल्द से जल्द मुक्त व्यापारी समझौता करे, इसके लिए हम स्वयं ध्यान देकर पहल करेंगे, ऐसा बयान शोल्झ ने किया था।
‘जी २०’ के सदस्य देश भारतीय अर्थव्यवस्था प्रेरित हो – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
बेंगलुरू – बर्दाश्त करना नामुमकिन हो इतने ऋण का अव्यवहार्य भार कुछ देशों पर बना है और यह विश्व के सामने खड़ी काफी बड़ी समस्या बनती है। अंतरराष्ट्रीय वित्तसंस्थाओं का अविश्वास इसके लिए कुछ हद तक ज़िम्मेदार है। क्यों कि, यह अंतरराष्ट्रीय वित्तसंस्थाए ही सुधार अपनाने का काम काफी धीमी गति से कर रही हैं, ऐसा इशारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया। बेंगलुरू में शुरू ‘जी २०’ परिषद के सदस्य देशों के वित्त मंत्री एवं केंद्रीय बैंक के गवर्नरों को संबोधित करते हुए भारत के प्रधानमंत्री ने यह चेतावनी दी। साथ ही ‘जी २०’ देश भारतीय अर्थव्यवस्था से प्रेरित होकर वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता, विश्वास और विकास की गाड़ी पटरी पर लाने की कोशिश कर सकेंगे, यह दावा प्रधानमंत्री ने किया।
‘जी २०’कोरोना की महामारी और बाद में सप्लाइ चेन बाधित होने से कई देशों के सामने गंभीर आर्थिक समस्याएं खड़ी हुई है। इस वजह से इन देशों को प्रचंड़ मात्रा में ऋण प्राप्त करके अपनी समस्याओं का हल निकालना पड़ा था। लेकिन, अब इस ऋण का भार बर्दाश्त होने से आगे गया है। यह ऋण अब अव्यवहार के स्तर पर जा पहुंचा है और यह विश्व के सामने खड़ी हुई बड़ी गंभीर समस्या बनती है, इसका अहसास प्रधानमंत्री ने इस परिषद में कराया। ऐसी स्थिति में विश्व के पहली २० अर्थव्यवस्थाओं का समावेश होने वाले ‘जी २०’ का ज़िम्मा अधिक बढ़ा है। बढ़ते ऋण के भार की समस्या का हल निकालना उतना आसान नहीं होगा। लेकिन, एकजूट के साथ इस समस्या को दूर करने की कोशिश हमें साथ मिलकर करनी होगी, ऐसा बयान प्रधानमंत्री मोदी ने किया।
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