भारत-अमरिका सहयोग नये मोड़ पर
अमरिकी प्रतिबंधों से ‘चाबहार’ को सहुलियत – भारत ने किया निर्णय का स्वागत
वॉशिंग्टन – भारत से विकसित हो रहे ईरान के चाबहार बंदरगाह को अमरिका ने अपने प्रतिबंधों से सहुलियत प्रदान की है| अफगानिस्तान को ईंधन एवं अन्य जरूरी सामान की आपुर्ति करने के लिए यह बंदरगाह उपयोगी साबित हो रहा है और इसी कारण यह सहुलियत देने की जानकारी अमरिका के वरिष्ठ अफसरों ने साझा की है| पर, ईरान के इस बंदरगाह की परियोजना में ‘रिव्होल्युशनरी गार्डस्’ इस लष्करी दल को शामिल ना किया जाए, यह शर्थ अमरिका ने रखी है|
भारत और अफगानिस्तान के बीच होनेवाले पाकिस्तान ने दोनों देशों की व्यापारी यातायात रोकने की भूमिका अपनाई है| इस वजह से बंदरगाह ना होने से अफगानिस्तान को मुश्किलों का सामना कर पड रहा था| पर, ईरान ने अपना चाबहार बंदरगाह अफगानिस्तान के लिए खुला करने की तैयारी दिखाई और भारत ने यह बंदरगाह विकसित करने के लिए निवेष किया| पर, अमरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगाने के बाद यह परियोजना पर संकट का साया बना था| पर, अब चाबहार बंदरगाह को इन प्रतिबंधों से सहुलियत प्रदान करने का ऐलान करके अमरिका ने भारत के साथ अफगानिस्तान को भी राहत दी है|
आगे पढे :http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/us-ease-of-restrictions-chabahar-port/‘टू प्लस टू’ बातचीत के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंग अमरिका में दाखिल
वॉशिंग्टन – भारत और अमरिका की ‘टू प्लस टू’ बातचीत के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंग और विदेशमंत्री जयशंकर अमरिका पहुंचे है| दोनों देशों के कुटनीतिज्ञ इस बातचीत से काफी उम्मीद होने का दावा कर रहे है| भारत के साथ बने संबंधों को अमरिका काफी अहमियत दे रही है, यह दावा अमरिकी नेता एवं कुटनीतिज्ञ कर रहे है|
पिछले वर्ष अमरिका और भारत की पहली ‘टू प्लस टू’ बातचीत नई दिल्ली में हुई थी| इसके बाद अमरिका में दोनों देशों की टू प्लस टू बातचीत पहली बाह हो रही है| अमरिकी नेता एवं कुटनीतिज्ञ यह बातचीत अलौकिक होने की बात कहकर भारत के साथ बने अमरिका के सामरिक सहयोग की अहमियत नए से रेखांकित कर रहे है| इंडो–पैसिफिक क्षेत्र में चीन अपनी ताकत के बल पर अरजाकता फैला रहा है और चीन को रोकने के लिए भारत जैसा जनतांत्रिक देश काफी अहम भूमिका निभा सकता है, यह बात अमरिका कह रही है|
आगे पढे : http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/rajnath-singh-visits-us/‘फाईव्ह आईज्’ में भारत को शामिल करने के लिए अमरिकी सांसद ने रखी मांग
वॉशिंग्टन – अमरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में गोपनीय माहिती का आदान-प्रदान करने संबंधी किए ‘फाईव्ह आईज्’ इस गठबंधन में भारत को भी शामिल कराने की मांग हो रही है| भारत, जापान और दक्षिण कोरिया इन देशों को भी इस गठबंधन का हिस्सा करना जरूरी होगा, यह बात अमरिकी संसदिय समिती के अध्यक्ष ने रखी है| अगले हफ्ते में भारत और अमरिका के बीच ‘टू प्लस टू’ बातचीत शुरू हो रही है| इससे पहले अमरिका में हो रही यह मांग सामरिक नजरिए से अहमियत रखती है|
अमरिकी कांग्रेस समिती के अध्यक्ष एडम शीफ ने ‘फाईव्ह आईज्’ के सहयोग में भारत के साथ जापान और दक्षिण कोरिया को शामिल करना जरूरी होने का दावा किया| इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता बरकरार रखने के लिए इन जनतांत्रिक देशों का सहयोग अहम साबित होगा, यह दावा करके शीफ ने अपनी मांग रखी| अपने वर्चस्व का दुनियाभर में विस्तार करने के उद्देश्य से चीन ने शुरू की हुई हरकतों पर गंभीरता से संज्ञान लेकर अमरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने ‘फाईव्ह आईज्’ का गठबंधन किया था|
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