इस्रायल से जुडी महत्त्वपूर्ण खबरें
स्रायल की नई सरकार द्वारा हमास पर हुई पहली कार्रवाई
जेरूसलम – हमास के आतंकियों ने मंगलवार के दिन इस्रायल के सरहदी क्षेत्र में बलून बम के हमले किए। इसके प्रत्युत्तर में इस्रायल के लड़ाकू विमानों ने हमास के ठिकानों पर कार्रवाई की। दो दिन पहले ही इस्रायल का नियंत्रण स्वीकारने के बाद नफ्ताली बेनेट और येर लैपीड़ के सरकार की गाज़ा पर यह पहली कार्रवाई थी। सत्ता परिवर्तन के बावजूद इस्रायल की आतंकवाद विरोधी नीति में बदलाव नहीं होगा, यही बात बेनेट-लैपीड की सरकार ने इस कार्रवाई से साबित की है।
इस्रायल और पड़ोसी देशों के साथ वर्ष १९६७ के युद्ध में हासिल जीत का स्मरण करने के लिए इस्रायली जनता ने मंगलवार के दिन जेरूसलम में रैली का आयोजन किया था। इस रैली के आयोजन पर हमास ने आपत्ति जताई। यह रैली पैलेस्टिनी नागरिकों को ठेस पहुँचानेवाली होने का आरोप हमास ने लगाया था। इसके बाद मंगलवार शाम को हमास के आतंकी और समर्थकों ने गाज़ा से इस्रायल के सरहदी क्षेत्र में बलून बम के दस हमले किए।
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बायडेन की ईरान संबंधित भूमिका इस्रायल को नुकसान पहुँचाएगी – अमरीका की पूर्व राजदूत निक्की हैलेतेल अवीव – ‘अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन की ईरान के साथ नए से परमाणु समझौता करने के लिए हो रही कोशिश और कुछ भी नहीं, बल्कि इस्रायल के विनाश की मंशा करने जैसी साबित होती है। इससे इस्रायल ही नहीं, बल्कि विश्व का विनाश होगा’, ऐसे तीखे शब्दों में अमरीका की पूर्व राजदूत निक्की हैले ने राष्ट्राध्यक्ष बायडेन पर हमला किया।
बैरूत – इस्रायल ने पैलेस्टिनियों की भावना को ठेस पहुँचाई तो इस्रायल के प्रमुख शहरों को लक्ष्य करनेवाले रॉकेटस् की दोबारा बौछार करने की धमकी हमास ने दी है। लेबनान की हिज़बुल्लाह से जुड़े अखबार ने हमास की यह धमकी प्रसिद्ध की। ११ दिनों के घनघोर संघर्ष के बाद इस्रायल और हमास का युद्धविराम हुआ है। लेकिन, यह युद्धविराम अस्थायी है। किसी भी क्षण यहां पर संघर्ष भड़क सकता है, ऐसे इशारे हमास एवं इस्रायल लगातार दे रहे हैं।
वर्ष १९६७ में इस्रायल और पड़ोसी देशों के बीच छह दिनों तक युद्ध चला था। इस जंग में जीत हासिल होने के बाद इस्रायल ने जेरूसलम को अपने देश का हिस्सा बनाया था। इस कामयाबी के स्मरण में हर वर्ष १० मई के दिन इस्रायल में रैली निकालकर विजयदिवस मनाया जाता है। हर वर्ष की तरह बीते महीने में इस परेड़ का आयोजन किया गया था। लेकिन, हमास ने गाज़ापट्टी से रॉकेटस् की बौछार करने के बाद इस्रायल की सरकार को परेड़ के कार्यक्रम में बदलाव करना पड़ा था।
आगे पढे : http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/hamas-signals-they-may-again-fire-rockets-in-response-to-jerusalem-march/ इस्रायल को ईरान विरोधी हरकत करने पर प्रत्युत्तर दिया जाएगा – ईरान के राजदूत का इशारातेहरान – इस्रायली गुप्तचर यंत्रणा ‘मोसाद’ के पूर्व प्रमुख योसी कोहेन ने पोल खोलने के बाद ईरान से तीव्र प्रतिक्रियाँ प्राप्त हुई है। ‘इस्रायल ने ही ईरान के परमाणु प्रकल्पों में हमले करने की बात कोहेन के साक्षात्कार से स्पष्ट हो रही है। साथ ही इस साक्षात्कार से मोसाद के पूर्व प्रमुख ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों को धमकाते हुए दिख रहे हैं’, ऐसा आरोप संयुक्त राष्ट्रसंघ में मौजूद ईरान के प्रवक्ता ने लगाया। इस हरकत पर इस्रायल को यकीनन प्रत्युत्तर मिलेगा, ऐसी धमकी अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग में ईरान के राजदूत ने दी।
अंकारा – जॉर्डन के राजा अब्दुल्लाह द्वितीय की हुकूमत और गाज़ापट्टी का हमास संगठन इनमें सहयोग मज़बूत होने के संकेत मिल रहे हैं। इस्रायल के विरोध में जॉर्डन और हमास एकत्रित आ जायेंगे, ऐसा दावा तुर्की के मुखपत्र ने किया। पिछले महीने में इस्रायल और हमास के बीच भड़के ११ दिन के संघर्ष में जॉर्डन ने अपनाई भूमिका का हवाला देकर तुर्की के मुखपत्र ने यह दावा किया है।
फिलिस्तीनियों का नियंत्रण होनेवाला वेस्ट बैंक और जॉर्डन की सीमा जुड़ी हुई है। साथ ही, जॉर्डन में आश्रय लिए विस्थापित फिलिस्तीनियों की संख्या बीस लाख के आसपास है। पिछले महीने में हमास के साथ संघर्ष भड़कने के बाद, जॉर्डन में फिलिस्तीनियों और फिलिस्तीनी समर्थक जॉर्डन की जनता ने इस्रायल के विरोध में प्रदर्शन किए थे। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने जॉर्डन की सीमा पर धावा बोलकर, इस्रायल में घुसपैठ करने की कोशिश की थी।
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