अर्थव्यवस्था से जुडी महत्वपूर्ण गतिविधियाँ

बजट २०२१-२२

नई दिल्ली – विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर, इसके लिए बड़े पैमाने पर सरकारी खर्चे का प्रावधान करने वाला २०२१-२२ साल का बजट केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने प्रस्तुत किया। कोरोना के संकट के कारण धीमी हुई विकास की प्रक्रिया को गतिमान बनाने के लिए किए हुए साहसिक फैसले, यह इस बजट की सबसे बड़ी विशेषता मानी जाती है। स्वास्थ्य, बुनियादी सुविधा, कृषि, रक्षा इन क्षेत्रों के लिए इस बजट में बहुत बड़ा प्रावधान किया गया है।

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‘जीएसटी’ संकलन १.२० लाख करोड़ रुपयों पर – लगातार चौथें महीने में ‘जीएसटी’ से एक लाख करोड़ रुपयों से भी अधिक महसूल जमा

नई दिल्ली – जनवरी में ‘जीएसटी’ का महसूल उच्चतम स्तर पर जा पहुँचा है। इस दौरान देश का ‘जीएसटी’ महसूल करीबन १.२० लाख करोड़ रुपयों के करीब पहुँचा है। दिसंबर की तुलना में ‘जीएसटी’ संकलन में ४.५ हज़ार करोड़ रुपयों से अधिक बढ़ोतरी हुई है। साथ ही लगातार चौथे महीने में ‘जीएसटी’ संकलन १ लाख करोड़ रुपयों से अधिक हुआ है और यह भारत की अर्थव्यवस्था कोरोना का संकट दूर करके तेज़ी से पटरी पर आने के स्पष्ट संकेत होने की बात विश्‍लेषक कह रहे है।

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एशिया-पैसिफिक के व्यापारी समझौते में ब्रिटेन शामिल होगा

लंदन – ब्रिटेन ने एशिया-पैसिफिक क्षेत्र की ११ प्रमुख देशों का समावेश वाले ‘कॉम्प्रिहेन्सिव ऐण्ड प्रोग्रेसिव ऐग्रीमेंट फॉर ट्रान्स पैसिफिक पार्टनरशिप’ (सीपीटीपीपी) में शामिल होने का ऐलान किया है। यूरोपियन महासंघ से ब्रिटेन के बाहर होने की घटना का एक वर्ष पूरा हो रहा है तभी किया गया यह ऐलान ध्यान आकर्षित कर रहा है। यह ऐलान करने से पहले शुक्रवार को एक जागतिक परिषद में ब्रिटेन के व्यापारमंत्री ने ऐसा गंभीर आरोप किया था कि, चीन ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था की विश्‍वासर्हता खोखली कर दी है।

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सन २०२१ में भारत की विकासदर ११.५ पर जायेगी – आन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोश का निष्कर्ष

नई दिल्ली – सन २०२१ में भारतीय अर्थव्यवस्था लगभग ११.५ प्रतिशत इतनी विकासदर से प्रगति करेगी, ऐसा निष्कर्ष आन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोश ने दर्ज़ किया है। इस कारण भारतीय अर्थव्यवस्था पाच ट्रिलियन डॉलर्स का लक्ष्य हासिल करने के लिए तेज़ी से मार्गक्रमणा करेगा, ऐसा विश्‍वास अर्थविशेषज्ञ व्यक्त कर रहे हैं।

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