मैं अपने बच्चों से प्यार करता हूँ (I love my children) - Aniruddha Bapu
परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने अपने ३ सितंबर २०१५ के प्रवचन में ‘मैं अपने बच्चों से प्यार करता हूँ’ इस बारे में बताया।
अनिरुद्ध बापू ने अपने प्रवचन में कहा- ‘हिंदी राष्ट्रभाषा होने के कारण सभी लोग जानते हैं। कुछ लोग पूछ रहे थे कि इतने दिन से हमें आदत हुई है बापू, मराठी में सुनने की, तो कैसे लगेगा? तो अपने जो पुराने जो लोग हैं, बीस साल से आनेवाले, उनमें से दो लोगों से मैंने सवाल पूछा, "आपने पिछले दस साल में कितनी हिंदी पिक्चेरें देखीं और कितनी मराठी पिक्चरें देखीं?" तब सारे गडबडा गये। "नहीं, मराठी पिक्चर एक भी नही देखा, दो देखे, चार देखे और हिंदी चालीस देखें।" राइट? सो दॅट वॉज द राइट क्वेश्शन। ये हमे आदत हो चुकी होती है।’
आगे बापू ने कहा - ‘मैने कभी भी नहीं कहा की मैं मराठी हूँ। मैने कभी नहीं कहा कि मैं बंबई का हूँ, मुंबई का हूँ, कभी नहीं। मैने कभी नहीं कहा। जब भी मैंने कहा, मैंने ऐसा कहा कि मेरे बंबई के लोग, मेरे नागपूर के लोग, मेरे कानपूर के लोग, मेरे तमीलनाडु के लोग, मेरे सूरत के लोग, ओके? मेरे लखनऊ के लोग, मेरे सभी मेरे ही हैं। जहा मुझे जनम देना था मॉ ने, मुझे दिया, क्योंकि वह काम के लिए आवश्यक था। जो काम मैंने किया है, कर रहा हूँ और करता रहूँगा। तो मैं सभी का समान रूप से हूँ। सभी का, हर एक का मुझपर हक उतना ही है। सभी सगे हैं। कोई सौतेला नहीं, कोई नहीं। कोई भांजा भतिजा नहीं, सभी पुत्र और कन्या ही हैं।’ यह हमारे सद्गुरु अनिरुद्ध बापू ने प्रवचन में बताया, जो आप इस व्हिडिओ में देख सकते हैं।
॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥