भगवान आपके मन को जानता है (God can read your mind) - Aniruddha Bapu
परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने १८ फरवरी २०१६ के पितृवचनम् में ‘भगवान आपके मन को जानता है’ इस बारे में बताया।
ये जो मूलाधार चक्र हमारे हर एक के शरीर मे है, इसके स्वामी हैं ये (गणेशजी), और ये जो चक्र है, ये मनुष्य के आनंद के लिये है। उसके जीवन का अभ्युदय करने के लिये है। यहां परमानंद की बात नहीं है, यहां परमार्थ की बात नहीं है, यहां बडे बडे फिलॉसॉफी की बात नहीं है, तो हमारे रोज का जो जीवन है, रोज के जीवन में मनुष्य की जो आवश्यकतायें हैं, उनमें आनंद लाने के लिये इस गणपति का जनम हुआ है, माँ अन्नपूर्णा पार्वती और परमशिव से।
हमें जानना चाहिये कि गणपति को विद्या की देवता क्यों माना जाता है। ये सारे विघ्नों का नाश करनेवाला है। लेकिन कब? जब हमारा विश्वास होगा कि ये मुझे सहायता करेगा। क्यों करेगा? क्योंकि ये परमशिव का और अन्नपूर्णा का पुत्र है, इसलिये करेगा। So what? वो उनका पुत्र है तो मुझे क्या फरक पडता है? फरक पडता है, अगर आप माँ अन्नपूर्णा पर यानी
आल्हादिनी पर और उस परमात्मा पर यानी परमशिव पर विश्वास करते हो कि ये कुछ शीघ्रकोपी नहीं है, ये हिसाब किताब रखनेवाले नहीं है, ये क्या है, तो प्यार करनेवाले विश्व के माँ बाप हैं, उनका मुझ पर भी उतना ही प्यार है।
आज इस ब्रह्मणस्पति को दूर्वा अर्पण करते हुए या लाल पुष्प अर्पण करते हुए या सिर्फ हाथ जोडते हुए, मनःपूर्वक, पूरे मन से पूरे दिल से ये कहना कि हे गणेश, हे गणपति, कृपा करो। बस, simple! कुछ नहीं कहना है बाकी। ए मुझे पास कर ना यार! मैं एक किलो पेढे खिलाऊँगा, नहीं यार, बोलना है तो बोलो, इधर नहीं, किधर जिस जगह जाते हो। यहां सिर्फ इतना बोलना कि कृपा करो। बाकी कुछ बोलोगे तो गणपति जी आकर सूँड से गला दबाने वाला नहीं है।
ये एक शब्द हर एक का, मैं बच्चों की बात कर रहा हूं, जो बूढे हैं उनकी बात कर रहा हूं, जो आधे उमर के हैं उनकी बात कर रहा हूं। हमें सिर्फ क्या कहना है, हे गणपति, कृपा करो। अपनी अपनी भाषा में कहना। आपकी भाषा अगर हिंदी है तो हिंदी में कहना। आपकी मातृभाषा अंग्रेजी है तो अंग्रेजी में कहना, आपकी मातृभाषा तमिल है फिर भी अंग्रेजी मे कहना चाहते हो, तो अंग्रेजी मे कहना, आपकी मातृभाषा मराठी है, अंग्रेजी मे कहना चाहते हो, अंग्रेजी मे कहना, कोई प्रॉब्लेम नही। क्योंकी भगवान को सारी भाषाएं आती हैं, ये विश्वास रखो। वो आपके मन को जानता है।
‘भगवान आपके मन को जानता है’ इस बारे में हमारे सद्गुरु अनिरुद्ध बापू ने पितृवचनम् में बताया, जो आप इस व्हिडिओ में देख सकते हैं।
॥ हरि ॐ ॥ ॥ श्रीराम ॥ ॥ अंबज्ञ ॥