गणपतिजी बुरे विचारों को निकाल देते हैं (Ganapati removes the bad thoughts) - Aniruddha Bapu
परमपूज्य सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने २८ एप्रिल २०१६ के पितृवचनम् में 'गणपतिजी बुरे विचारों को निकाल देते हैं', इस बारे में बताया।

ब्रह्मर्षि भारद्वाज कहते हैं, अपने शिष्य से, एक गणपति का रहस्य बताते हुए, कि हाथ में गणपतिजी ने दांत किसलिए रखकर वे मूलाधार में बैठे हुए हैं, इसलिए कि मूल में ही गलत विचार, जब निकलने लगते हैं, तब जो गणपति का सही भक्त है, तो गणपति का दांत उसपर फेंका जाता है, गणपति फेंकते हैं और जीभ जो है, हिलती ही नहीं, गलत शब्द मुँह से निकलेगा ही नहीं। ये कब होगा?
भरद्वाज ऋषि क्या कहते हैं, अगर आप गणपति के भक्त हो तब। अब बोलोगे बापू, हम तो साईबाबा की भक्ति करते हैं, हम लोग तो विष्णु की भक्ति करते हैं। उनमें कोई झगडा नहीं है।
तो यह ध्यान में रखना है कि ये एकदन्त,
ॐ एकदन्ताय विद्महे। वक्रतुंडाय धीमहि। तन्नो दन्ति: प्रचोदयात्।
गणपतिजी बुरे विचारों को निकाल देते हैं, इस बारे में हमारे सद्गुरु अनिरुद्ध बापू ने पितृवचनम् में बताया, जो आप इस व्हिडिओ में देख सकते हैं।