सुलेमानी की हत्या के बाद खाड़ी क्षेत्र में बदलते हालात
सुलेमानी की हत्या ‘आयएस’ को बल देगी – ‘आयएस’ से जुडी पत्रिका का दावा
बगदाद – ईरान के लष्करी नेता जनरल कासेम सुलेमानी की हत्या आतंकी ‘आयएस’ संगठन के लिए सहायक होनेवाला ईश्वारी हस्तक्षेप साबित होता है, यह दावा ‘आयएस’ से जुडी पत्रिका ‘अल-नबा’ने किया है| ब्रिटीश वृत्तसंस्था ने इस से जुडी खबर प्रसिद्ध की है और इसमें सुलेमानी की हत्या का संबंध इतिहास के ‘रोमन-पर्शियन वॉर्स’ से जोडा गया है| अमरिका ने पिछले हफ्ते में इराक की राजधानी बगदाद में किए ड्रोन हमले में जनरल सुलेमानी की हत्या की थी|
ईरान के साहसी सेनानी यह पहचान होनेवाले सुलेमानी ने इराक, सीरिया, लेबनान, येमन में ईरान का प्रभाव बढाने में अहम भूमिका निभायी थी| ‘आयएस’ संगठन के विरोध में सीरिया एवं इराक में की गई मुहीम में सुलेमानी का योगदान भी काफी अहम और बडा होने की बात समझी जा रही है| ‘आयएस’ को पराजित करने के लिए अमरिका के साथ यूरोपिय देशों ने बनाए मोर्चे को इस ईरानी सहायता करने की बात कही जा रही है|
आगे पढे : http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/killing-soleimani-boost-strength/इराक के ‘ग्रीन झोन’ पर हुआ राकेट हमला – ईरान की कार्रवाई से इराकी नेताओं में दरार
बगदाद: इराक की राजधानी बगदाद के अतिसंरक्षित ग्रीन झोन क्षेत्र में बुधवार के दिन कत्युशा राकेटस् के हमलें हुए| इराक में मौजुद ईरान से जुडे गुट ने यह हमलें किए होंगे, यह संभावना जताई जा रही है| अमरिकी लष्करी अड्डे पर ईरान ने किए हमलें हम दोहराएंगे, यह धमकी इस गुट ने दी थी| पर, इराक स्थित सभी गुट किसी भी प्रकार के लष्करी कार्रवाई से दूर रहें, यह निवेदन इराक के प्रभावी शिया धार्मिक नेता मुक्तदा अल सद्र ने किया है|
सरकार दफ्तर एवं विदेशी दूतावासों का क्षेत्र के तौर पर नामांकित राजधानी बगदाद के ‘ग्रीन झोन’ में दो से तीन राकेट हमलें हुए| इनमें से एक राकेट अमरिकी दूताव से मात्र १०० मीटर दूरी पर गिरा| इस हमले में किसी भी प्रकार का नुकसान नही हुआ है, यह जानकारी इराकी पुलिस ने साझा की है| पर महज चौबिस घंटों में हुए इस तीसरें हमले की वजह से ग्रीन झोन की सुरक्षा व्यवस्था बढाई गई है|
आगे पढे : http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/rocket-attacks-green-zone-iraq/अमरिका की सेना वापसी इराक के लिए घातक साबित होगी – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प का इशारा
वॉशिंग्टन/बगदाद – ‘इराक में तैनात अमरिकी सेना की वापसी अगले समय में इराक के लिए अबतक की सबसे बडी घटना साबित होगी| अमरिका की वापसी के बाद ईरान इस देश में अपने पैर जमाएगा, ऐसा होता है तो वर किसी के भी हित में नही होगा’, ऐसी चेतावनी अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दी है| ‘कासेम सुलेमानी’ और इराकी हथियारी गुट के अबु महदी अल मुहानदिस को अमरिका ने खतम करने के बाद इराक की संसद ने अमरिकी सेना की वापसी से संबंधित प्रस्ताव पारित किया था| इसके बाद अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने इराक को कडी चेतावनी देने का सत्र शुरू किया है और मंगलवार के दिन ट्रम्प ने फिर एक बार इराक को कडी चेतावनी दी है|
फिलहाल ‘आयएस’ के विरोधी कार्रवाई करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सेना के हिस्से के तौर पर अमरिका के करीबन पाच हजार सैनिक इराक में तैनात है| इस बारे में हुआ लष्करी समझौता भी समय से पहले खतम करके अमरिकी सेना की वापसी संबंधित प्रस्ताव इराक की संसद ने रविवार के दिन पारित किया| इस दौरान कुर्द और सुन्नी सांसदों ने इस प्रस्ताव का बहिष्कार करके अमरिकी सेना की इराक में हुई तैनाती का समर्थन किया था|
आगे पढे : http://www.newscast-pratyaksha.com/hindi/us-military-withdrawal-disaster-for-iraq-trump/इस्रायल और ईरान में युद्ध हो सकता है – इस्रायली के अभ्यासगुट का इशारा
तेल अवीव: ‘पिछले कुछ वर्षों से इस्रायल और ईरान के बीच तनाव बढ रहा है| पर, कासेम सुलेमानी को खतम करने के बाद इस्रायल और ईरान के बीच युद्ध शुरू होने की संभावना में और भी बढोतरी हुई है| इस वर्ष के अंत तक दोनों देशों में युद्ध हो सकता है| गाजापट्टी और इस्रायल की उत्तरी सीमा पर यह युद्ध शुरू होगा’, यह चेतावनी इस्रायल के नामांकित अभ्यासगुट ने दी है|
‘इन्स्टिट्यूट फॉर नैशनल सिक्युरिटी स्टडिज्’ (आयएनएसएस) इस अभ्यासगुट के अध्यक्ष अमोस याद्लिन ने हाल ही में एक रपट जारी किया है| इस्रायल की सुरक्षा के सामने बनी चुनौतियों के मुद्दे पर इस में बयान किया गया है| इस क्षेत्र के सियासी और रक्षा संबंधी गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर वर्ष २०२० के आखिर तक इस्रायल और ईरान का युद्ध हो सकता है, यह बात अमोस ने इस में रखी है| इस्रायल के राष्ट्राध्यक्ष रिव्हलिन के सामने रखे रपट में यह चेतावनी दी गई है|
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